नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ एक लापता नाबालिग लड़की से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई की. जिसका कथित तौर पर तब अपहरण तब किया गया था जब वह गोरखपुर में अपने पिता से मिलने जा रही थी.
अदालत को पहले बताया गया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद कोर्ट ने केस दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है और लड़की मिल गई है.
निराश अदालत ने कहा कि यह यूपी पुलिस की स्थिति को आईना दिखाने वाला है. जो काम दिल्ली पुलिस ने कम समय में कर दिया, उसी के लिए यूपी पुलिस लंबे समय तक जूझती रही और जांच करने के लिए दो महीने समय मांगा. अदालत ने दिल्ली पुलिस को सभी सबूत, रिपोर्ट इकट्ठा करने और अदालत में जमा करने का आदेश दिया है.
यूपी से 8 जुलाई से लापता लड़की
दिल्ली पुलिस ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उत्तर प्रदेश से आठ जुलाई से लापता 13 वर्षीय लड़की को बरामद कर लिया गया है और जिस व्यक्ति ने कथित तौर पर उसका अपहरण किया था उसे कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया है. पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई की तारीख सात सितंबर तय की है.
दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल आरएस सूरी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि अदालत के निर्देश के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस ने बृहस्पतिवार को उनके साथ जांच रिपोर्ट साझा किया था. सूरी ने पीठ से कहा कि एक टीम का गठन किया गया जिसने कोलकाता से व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और लड़की को बरामद कर लिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
शीर्ष अदालत ने मामले की जांच को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई और उसे निर्देश दिया कि जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस के साथ साझा करे. लड़की की मां की तरफ से पेश हुए वकील पई अमित ने पीठ से कहा था कि वह उच्चतम न्यायालय और दिल्ली पुलिस के आभारी हैं कि नाबालिग लड़की बरामद कर ली गई है.
उत्तर प्रदेश की तरफ से पेश वकील ने पीठ से पूछा कि मामले में आगे की जांच राज्य पुलिस करेगी या दिल्ली पुलिस. इस पर पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस को अनुपालन रिपोर्ट दायर करने दीजिए और फिर हम विचार करेंगे कि आगे की जांच कौन करेगा.
साथ ही पीठ ने कहा कि कानून के मुताबिक जो भी जरूरत होगी वह दिल्ली पुलिस करेगी. दिल्ली में घरेलू सहायिका का काम करने वाली लड़की की मां ने याचिका में दावा किया कि उसकी बेटी को उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से एक व्यक्ति ने तब अगवा कर लिया जब परिवार के सदस्य वहां शादी समारोह में हिस्सा लेने गए थे. प्राथमिकी गोरखपुर में दर्ज की गई थी.
केस दिल्ली पुलिस को सौंपा गया
मामले की सुनवाई करत हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस से कहा था कि यदि आप जांच करने में असमर्थ हैं तो हम इसे सीबीआई को सौंप सकते हैं. घटना जुलाई की है. हम सितंबर में आ गए हैं. यदि आपके पास ब्योरा है, तो आप समय क्यों लेंगे. पीठ ने कहा कि इस मामले में, हर घंटा, हर मिनट कीमती है.
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आप इस तरह के मामले में वैसी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिसकी ऐसे मामले में उम्मीद की जाती है. यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है. पीठ ने कहा कि दो सप्ताह का सवाल कहां है. आपके पास कॉल ब्योरा है, उसके बाद भी आपने कार्रवाई नहीं की है. हम चकित हैं. न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पूरी जांच रिपोर्ट बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस के साथ साझा करने का निर्देश दिया था औ दिल्ली पुलिस में लड़की को बरामद कर लिया.