नई दिल्ली:गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले के भीतर एवं बाहर हुई हिंसा की साजिश बीते नवंबर में ही रच ली गई थी. इसके बाद से लगातार हिंसा के लिये तैयारी की गई और गणतंत्र दिवस के दिन इसे अंजाम दिया गया. लाल किले पर हिंसा का दिन गणतंत्र दिवस इसलिये चुना गया क्योंकि इससे सरकार की बदनामी होगी. यह खुलासा क्राइम ब्रांच के जरिए हिंसा को लेकर अदालत में दायर आरोपपत्र में किया गया है.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने हाल ही में लाल किला हिंसा को लेकर आरोपपत्र दाखिल किया है. इस आरोपपत्र में क्राइम ब्रांच द्वारा बताया गया है कि नवंबर 2020 से ही प्रदर्शनकारियों ने लाल किला हिंसा की तैयारी शुरू कर ली थी. इसके लिए बड़ी संख्या में नवंबर-दिसंबर में ट्रैक्टर खरीदे गए थे. प्रदर्शनकारियों ने यह मन बना लिया था कि वह बॉर्डर पर नहीं बल्कि लाल किले में बैठकर अपना प्रदर्शन करेंगे. वह लाल किले पर कब्जा करना चाहते थे ताकि प्रदर्शन के लिए वहां बैठ सकें, लेकिन जिस प्रकार से वहां पर हिंसा हुई और निशान साहिब को फहराया गया वह डरकर भाग गए थे.
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