नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यस बैंक से ऋण के रूप में लिए गए 300 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान गाजियाबाद के यतीश वहल, सतीश कुमार और गुरुग्राम के राहुल सिंह यादव के रूप में हुई है.
EOW पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित शिकायतकर्ता डॉ. राजीव कुमार शर्मा ने नयति हेल्थ केयर एंड रिसर्च NCR प्राइवेट लिमिटेड और इसके डायरेक्टर यतीश वहाल, सतीश कुमार नरूला और अन्य पर आरोप लगाते हुए बताया कि वो नयति हेल्थ केयर प्राईवेट लिमिटेड के वाईस चेयरमैन और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सहित 6.3 प्रतिशत शेयर होल्डर हैं.
यह कंपनी पहले OSL हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी और इसमें उनका 49 प्रतिशत शेयर था. इसके डायरेक्टर चंदन मिश्रा, चर्चित मिश्रा के साथ मिलकर गुरुग्राम में एक हॉस्पिटल बनाने वाले थे, जिसके लिए VIMHANS और OSL हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के बीच MoU भी साइन किया गया था. साथ ही पीड़ित को प्रोफेशनल फी के रूप में 30 लाख रुपये प्रति माह दिए जाने का भी वादा किया गया था.
गुरुग्राम में हॉस्पिटल के निर्माण कार्य के दौरान OSL हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिस वजह से इसके मेजोरिटी शेयर होल्डर डायरेक्टरों ने इसे नारायणी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जो कि नयति हेल्थ केयर एंड रिसर्च NCR प्राइवेट लिमटेड की होल्डिंग कंपनी है, को 99 करोड़ में बेच दिया. इसके बाद दोनों नए डायरेक्टर कंपनी का नाम बदलकर डिसीजन खुद ही लेने लगे. धोखे से उन्होंने शिकायतकर्ता के 49 प्रतिशत शेयर को कंपनी में 6.3 प्रतिशत कर दिया और उनके प्रोफेशनल फी 15 करोड़ 28 लाख रुपये भी नहीं दी.