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NCERT किताबों की पायरेसी का मामला : दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

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Published : Oct 5, 2021, 4:27 PM IST

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 18 सितंबर को हुई NCERT किताबों की पायरेसी की प्रिंटिंग प्रेस में छापेमारी कर वहां से करीब 35 लाख रुपये की किताबें जब्त की थी. हालांकि, इसका मुख्य आरोपी फरार हो गया था. क्राइम ब्रांच ने चार अक्टूबर को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

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नई दिल्ली : दिल्ली क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट ने एनसीआरटी (NCERT) किताबों की पायरेसी में लगे एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान मनोज जैन के रूप में हुई है. आरोपी शाहदरा इलाके का रहने वाला है.

पुलिस के अनुसार, 18 सितंबर को मंडोली के मेला राम फार्म स्थित प्रिंटिंग प्रेस से पांच हजार पायरेटेड बुक्स, 80 हजार प्रिंटेड शीट्स, 166 मेटालिक प्लेट, दो ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस और भारी मात्रा में NCERT वाटर मार्क वाले प्लेन पेपर बरामद किए गए थे.

क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस को यमुना पार इलाके में हो रही इस पायरेसी के बारे में पता चला. इस पर कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर विनोद अहलावत के नेतृत्व में एसआई (SI) प्रकाश, एएसआई (ASI) सतेंद्र, ASI हरेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल पंकज, कॉन्स्टेबल विनीत और मोनू की टीम का गठन किया गया. इसी टीम ने छापेमारी कर इसका खुलासा किया.

इसके लिए विजिलेंस ऑफिसर और NCERT प्रोडक्शन ऑफिसर के साथ मिलकर पुलिस ने 18 सितंबर को मंडोली के मेला राम फार्म इलाके में छापेमारी कर वहां से 35 लाख रुपये की पायरेटेड किताबें, प्रिंटेड मैटेरियल और प्लेन पेपर बरामद किया, जबकि आरोपी मास्टरमाइंड इस मामले में बच निकला था. आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस ने आखिरकार चार अक्टूबर को सूत्रों से मिली जानकारी के पर गिरफ्तार कर लिया.

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आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वो पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था और उसके बाद लगभग सात-आठ साल पहले अपना प्रिंटिंग प्रेस चलाने लगा. वह जनवरी 2020 से मेला राम फार्म्स में सेटअप चला रहा था. लॉकडाउन के कारण व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ और उसी नुकसान को कवर करने और ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उसने NCERT की पायरेटेड किताबों को छापना शुरू कर दिया, क्योंकि ये किताबें पूरे भारत में बड़े पैमाने पर प्रचलन में हैं.

प्राइवेट स्कूलों में पहले निजी प्रकाशन की महंगी किताबों को खरीदने के लिए छात्रों पर दवाब बनाया जाता था. इसके लिए स्कूलों को मुनाफा मिलता था. इसकी शिकायत के बाद सरकार ने CBSE स्कूलों में NCERT की किताबों को अनिवार्य करने का फैसला लिया, जिससे अचानक इसकी मांग में तेजी आ गई. इसी का फायदा उठाने के लिए आरोपी किताबों की पायरेसी कर कम कीमत में दुकानदारों को किताबें उपलब्ध कराने लगा और दुकानदार भी ज्यादा मुनाफे के लालच में उन किताबों को बेचने लगे.

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