नई दिल्ली :भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में शनिवार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब आठ घंटे तक पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया. इस मामले में ईडी ने उन्हें 16 मार्च को पूछताछ के लिए फिर से बुलाया है. बताया जाता है कि ट्रायल सुबह 11.30 बजे शुरू हुआ और रात 8 बजे तक चला. करीब 8 घंटे से ज्यादा समय तक ईडी के अधिकारियों ने कविता से पूछताछ की.
बताया जाता है कि ईडी के अधिकारियों ने संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी के नेतृत्व में पीएमएलए 50(2) के तहत एक संदिग्ध के तौर पर कविता का बयान दर्ज किया है. ईडी ने बुचिबाबू, विजय नायर और कविता के पूर्व ऑडिटर के अलावा दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बयानों के आधार पर एमएलसी कविता से पूछताछ की. इसके अलावा ईडी ने अरुण रामचंद्रन पिल्लई के साथ भी कविता से पूछताछ की.आरोपों पर कविता से लिखित स्पष्टीकरण लेने के बाद ईडी के अधिकारियों ने 16 मार्च को फिर से सुनवाई के लिए आने का नोटिस जारी किया. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि पूछताछ के दौरान कविता से और जानकारी हासिल की जाएगी. जांच के बाद कविता तुगलक रोड स्थित सीएम केसीआर के आवास पर गईं.
ईडी कार्यालय में भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों के कर्मियों को तैनात किया गया था. बीआरएस नेता के समर्थकों ने एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर प्रदर्शन भी किया. वहीं कविता ने एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले मुठ्ठी बंद करके हाथ ऊपर उठाया. बीआरएस की विधान पार्षद के साथ उनके स्टाफ के कुछ सदस्य भी थे, जो बाहर रुक गये. ईडी ने कविता को नौ मार्च को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने लंबे समय से अटके महिला आरक्षण विधेयक को संसद के बजट सत्र में पारित कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को यहां अनशन में शामिल होने के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण नयी तारीख देने का अनुरोध किया था. कविता ने ईडी के समन को तेलंगाना के सीएम केसीआर और बीआरएस के खिलाफ भाजपा की रणनीति करार दिया. उन्होंने कहा कि बीआएएस भाजपा की इन हरकतों से डरेगी नहीं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा की गलत नीतियों का विरोध करना जारी रखेगी. उसे जनता के सामने एक्सपोज करेगी. उन्होंने कहा कि बीआरएस भारत के बेहतर भविष्य के लिए काम करते रहेंगी.
कविता ने हाल में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्होंने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार ईडी का ‘इस्तेमाल’ कर रही है, क्योंकि भाजपा को तेलंगाना में ‘पिछले दरवाजे से प्रवेश’ नहीं मिल सका.वहीं हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई 12 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं और उन्हें 13 मार्च को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा. पिल्लई ‘रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी’ नामक कंपनी में साझेदार हैं. ईडी ने दावा किया कि यह कंपनी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान पार्षद के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल 'साउथ ग्रुप' का प्रतिनिधित्व करती हैं. ऐसा आरोप है कि 'साउथ ग्रुप' ने अब निरस्त कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति 2020-21 के तहत राष्ट्रीय राजधानी के बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को करीब 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी.
कविता से इस मामले में पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी पूछताछ की थी. ईडी ने इस मामले में अभी तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आप नेता मनीष सिसोदिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी. बहरहाल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है. बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.
पिल्लई ने ईडी पर उनके बयानों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया
दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई ने ईडी पर मामले में उनके बयान को तोड़ने- मरोड़ने का आरोप लगाते हुए शहर की एक अदालत का रुख किया है. ईडी ने दावा किया कि वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान परिषद सदस्य के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व करता है. ईडी ने यह भी दावा किया है कि हैदराबाद के व्यवसायी ने 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को पहुंचाने के वास्ते 'साठगांठ' की थी.
ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को साठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी. आम आदमी पार्टी (आप) ने हालांकि इस आरोप का खंडन किया है. बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी थी. विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने पिल्लई के आवेदन पर ईडी को नोटिस जारी किया और एजेंसी को 13 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पिल्लई के वकील ने शुक्रवार को अदालत के समक्ष दायर आवेदन में एजेंसी के समक्ष कथित तौर पर दर्ज बयान को अस्वीकार करने का अनुरोध किया. आरोपी ने दावा किया कि ईडी ने दो दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया और इन दस्तावेजों को उनके बयान के रूप में पेश किया.