नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले को निर्देश दिया है कि वे 24 घंटे के अंदर संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी और उनके पति और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स हटाएं.
सुनवाई के दौरान जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने ट्विटर को निर्देश दिया कि अगर साकेत गोखले ट्वीट्स नहीं हटाते हैं तो वो उन ट्वीट्स को हटाए. वही, कोर्ट ने साकेत गोखले को निर्देश दिया कि वे लक्ष्मी पुरी और हरदीप पुरी के खिलाफ कोई ट्वीट नहीं करेंगे. कोर्ट ने पिछले आठ जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्या कोई भी इंटरनेट पर किसी की छवि को खराब करने के लिए लिख सकता है. कोर्ट ने साकेत गोखले से पूछा था कि आप किसी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं. पुरी की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि साकेत गोखले ने पुरी के आय का स्रोत पूछते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा था कि गोखले ने 13 जून और 23 जून को किए अपने ट्वीट में कहते हैं कि उन्हें पुरी की बेटी का नाम और उसे क्या-क्या दिया गया ये जानने का मौलिक अधिकार है। गोखले ने ट्वीट में आरोप लगाया है कि पुरी ने केंद्र सरकार की सैलरी से कुछ खरीदा जिसे वह जानना चाहता है.
मनिंदर सिंह ने कहा था कि जिस प्रकार टीवी एंकर द नेशन वांट्स टू नो (the nation wants to know) बोलते हैं. वैसी ही गोखले ने भी कहा है आई वांट टू नो.