नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में अपने मायके में कथित रूप से अपनी मर्जी के खिलाफ रखी गई महिला को उसकी ससुरालवालों से मिलवा दिया. अदालत ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस को यह जिम्मेदारी सौंपी थी.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की पीठ ने यह निर्देश तब पारित किया जब महिला ने 'स्पष्ट रूप से इरादा व्यक्त किया' कि वह दिल्ली में अपने पति के पास लौटने और रहने की इच्छुक है.
महिला उत्तर प्रदेश के एटा जिले के मिर्हेची से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में सुनवाई में शामिल हुई. अदालत ने आदेश दिया, 'मिर्हेची थाने के निरीक्षक सीता राम सरोज ए *** (पत्नी) को मिहेर्ची से वापस लाकर याचिकाकर्ता पति से मिलाने के लिये दिल्ली के आनंद पर्वत थाने के कांस्टेबल संजय के साथ एक महिला कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति करें.'
अदालत ने कहा कि यह बात रिकॉर्ड में है कि महिला ने जून 2021 में अपनी मर्जी से रोहिणी के आर्य समाज मंदिर में शादी की, जिसके बाद नवविवाहिता ने यहां पति के घर को अपना घर बना लिया.