दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

उच्च न्यायालय ने नव-विवाहित जोड़े को मिलवाया

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मायके में कथित रूप से अपनी मर्जी के खिलाफ रखी गई महिला को उसकी ससुरालवालों से मिलवा दिया. महिला यूपी की रहने वाली है. महिला ने दिल्ली में अपने पति के पास लौटने की इच्छा जताई थी.

By

Published : Aug 2, 2021, 10:38 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला
दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में अपने मायके में कथित रूप से अपनी मर्जी के खिलाफ रखी गई महिला को उसकी ससुरालवालों से मिलवा दिया. अदालत ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस को यह जिम्मेदारी सौंपी थी.

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की पीठ ने यह निर्देश तब पारित किया जब महिला ने 'स्पष्ट रूप से इरादा व्यक्त किया' कि वह दिल्ली में अपने पति के पास लौटने और रहने की इच्छुक है.

महिला उत्तर प्रदेश के एटा जिले के मिर्हेची से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में सुनवाई में शामिल हुई. अदालत ने आदेश दिया, 'मिर्हेची थाने के निरीक्षक सीता राम सरोज ए *** (पत्नी) को मिहेर्ची से वापस लाकर याचिकाकर्ता पति से मिलाने के लिये दिल्ली के आनंद पर्वत थाने के कांस्टेबल संजय के साथ एक महिला कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति करें.'

अदालत ने कहा कि यह बात रिकॉर्ड में है कि महिला ने जून 2021 में अपनी मर्जी से रोहिणी के आर्य समाज मंदिर में शादी की, जिसके बाद नवविवाहिता ने यहां पति के घर को अपना घर बना लिया.

पढ़ें- HC ने पूछा: क्या कोविड-19 टीके की तीसरी या बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी

हालांकि अदालत ने कहा कि बाद में यह दावा किया गया कि नवविवाहिता को मायके वाले ले गए. इसलिए पति ने उच्च न्यायालय का रुख कर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की. उसने अपील की कि उसकी पत्नी को अदालत के समक्ष पेश किया जाए, 'जिसे दिल्ली वापस लौटने से अवैध रूप से रोका जा रहा है.'

याचिका को अनुपालन के उद्देश्य से 3 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details