नई दिल्ली :दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court ) ने मंगलवार को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Union Ministry of Women & Child Development) को हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (Hindu Adoptions & Maintenance Act), 1956 के तहत दो महीने के भीतर अंतर-देशीय अडाप्शन लेने के लिए एक स्थायी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है.
गोद लिए गए बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने और बायोलॉजिकल माता-पिता के साथ-साथ बच्चे के लिए एक सिस्टम प्रदान करने के अडाप्शन सेंट्रल रिसॉर्स ऑथिरिटी (Central Adoption Resource Authority) के अनुभव को देखते हुए यह आदेश दिया है.
अदालत ने CARA को HAMA के तहत इंटर कंट्री अडाप्शन को सक्षम करने के उद्देश्य से प्राधिकरण के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि चूंकि हिंदू अडाप्शन और मेंटनंस एक्ट (HAMA) के तहत गोद लेने के लिए सेंट्रल रिसॉर्स ऑथिरिटी (CARA) के तहत कोई प्रक्रिया मौजूद नहीं थी, हालांकि गोद लेने के संबंध में मौजूद एक छोटी प्रक्रिया जो जेजे अधिनियम (JJ Act), 2015 के लागू होने से पहले प्रभावी था.