नई दिल्ली: पहलवान अंतिम पंघाल (19) और सुजीत कलकल (21) के द्वारा एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को दी गई छूट को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दी. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें पहलवान पुनिया और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई है.
बता दें, शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने शनिवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर विचार नहीं करेंगे कि बेहतर पहलवान कौन है. प्रसाद ने कहा था कि वह केवल यह देखेंगे कि बिना ट्रायल अनुमति देने में प्रक्रिया का पालन किया गया है या नहीं. इस मामले में गुरुवार को हुई पहली सुनवाई में कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अपना हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था.
उल्लेखनीय है कि दोनों पहलवानों की संयुक्त याचिका का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष किया गया था. मुख्य न्यायाधीश ने मामले को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया था, जिस पर सुनवाई हुई थी.
याचिका में यह की गई थी मांग:वकील हृषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार द्वारा दायर याचिका में मांग की गई कि दो श्रेणियों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिला 53 किग्रा) को रद्द कर दिया जाए. बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को दी गई छूट रद्द कर दी जाए. याचिका में यह भी मांग की गई है कि किसी भी पहलवान को कोई छूट दिए बिना ट्रायल निष्पक्ष तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए.