नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सिखों को घरेलू उड़ानों में यात्रा के दौरान कृपाण रखने की मंजूरी के खिलाफ दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह केंद्र सरकार का नीतिगत फैसला है, हम इसमें दखल नहीं दे सकते. अदालत ने मंजूरी संबंधी फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर को पटीशन पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रामणियम की डिवीजन बैंच ने कहा, 'हम ऐसे नितिगत फैसले में कैसे दखल दे सकते हैं? यह भारत सरकार का नितिगत फैसला है.'
क्या है मामला?
कोर्ट ने हर्ष विभोर सिंघल की पटीशन पर यह फैसला सुनाया, जिसने दावा किया था कि उड़ान में कृपाण लेकर जाने के मुद्दे पर सलाह के लिए कमेटी गठित की जानी चाहिए. हर्ष ने केंद्र सरकार की तरफ से 4 मार्च, 2022 को जारी नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सिख यात्रियों को भारत में सभी घरेलू मार्गों पर संचालित होने वाली यात्री उड़ानों में अपने साथ कृपाण लेकर जाने की खास रेगुलेटरी मंजूरी होगी.
यात्रियों की तरफ से ले जाई जा रही कृपाण की लंबाई 6 इंच और कुल लंबाई 9 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रामोणिय प्रसाद की बैंच ने पहले मौखिक तोर पर कहा कि यह भारत सरकार की नीति है और अदालत इसमें तब तक दखल नहीं दे सकती, जब तक यह मनमानी न हो. दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले पर सिख संगठनों ने सहमति जताई है. उनका कहना है कि सिख कौम का अलग अस्तित्व है. सिखों की तरफ से धारण की जाने वाली पांच निशानियों में से कृपाण एक है और उन्हें इसे कहीं भी धारण करने का हक मिलना चाहिए.
गुरसिख का जरूरी अंग है श्रीसाहिब (छोटी कृपाण)
एसजीपीसी के पूर्व सचिव जोगिंदर सिंह अदलीवाल ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में बताया कि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करके बिल्कुल सही किया है. इस देश में प्रत्येक धर्म को अपनी निशानी धारण करने का हक है. कृपाण या श्री साहिब किसी भी गुरसिख का जरूरी अंग है. सिखों के धार्मिक चिन्हों का विरोध करना ठीक नहीं. हाईकोर्ट ने ऐसी फिजूल पटीशन खारिज करके बिलकुल ठीक किया है. दरअसल, अपनी अलग पहचान को लेकर सिखों ने लंबी लड़ाई लड़ी है. अभी हाल ही में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जनगणना में अलग कॉलम शामिल करके सिख कौम को अलग कौम के तौर पर मान्यता दी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए.