दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

दिल्ली हिंसा की आरोपी गुलफिशा फातिमा को राहत नहीं, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका - Trial Court

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले की आरोपी गुलफिशा फातिमा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का ये दावा बिल्कुल गलत है कि उसे गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है, क्योंकि वो न्यायिक हिरासत में है.

Delhi Police, Delhi High Court
दिल्ली हाई कोर्ट

By

Published : Jul 9, 2021, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) मामले की आरोपी गुलफिशा फातिमा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) खारिज कर दी है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण के लिए दायर याचिका में हिरासत के आदेश की वैधता की जांच नहीं की जा सकती.

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का ये दावा बिल्कुल गलत है कि उसे गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है, क्योंकि वो न्यायिक हिरासत में है. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन और रजत नायर ने कहा कि 16 सितंबर 2020 को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गुलफिशा के खिलाफ ट्रायल कोर्ट (Trial Court) में चार्जशीट दाखिल किया था.

17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कहा कि आरोपी अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 309 के तहत ट्रायल कोर्ट के आदेश के तहत न्यायिक हिरासत में है. ऐसे में ये कहना गलत है कि आरोपी को गैरकानूनी हिरासत में रखा गया है. आरोपी की ओर से दायर यह याचिका कानून का दुरुपयोग है. आरोपी की ऐसी ही याचिका पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 22 जून 2020 को विस्तृत फैसला सुनाते हुए उसे खारिज करने का आदेश दिया था.

पढ़ें: दिल्ली हिंसा: गुलफिशा फातिमा को रिहा करने वाली याचिका खारिज

जानें क्या है पूरा मामला

गुलफिशा फातिमा को 9 अप्रैल को जाफराबाद से गिरफ्तार किया गया था. फातिमा को एक एफआईआर में सेशंस कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. दूसरी एफआईआर में फातिमा के खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत शिकायत दर्ज की गई है. पिछली 13 मई को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुलफिशा फातिमा को एक मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन उसके बावजूद वो इसलिए रिहा नहीं हो सकी क्योंकि उसके खिलाफ UAPA के तहत दूसरा मामला भी दर्ज है. गुलफिशा फातिमा एमबीए की छात्रा हैं.

फातिमा पर आरोप है कि उसने पिछले 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाने वाला भाषण दिया. बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details