नई दिल्ली:रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग की घटना के बाद दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से मुलाकात की. राकेश अस्थाना से मुलाकात के बाद बीसीडी के चेयरमैन राकेश सहरावत ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें भरोसा दिया है कि दिल्ली की सभी निचली अदालतों में एक सप्ताह के अंदर सुरक्षा बढ़ायी जाएगी. वहीं जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है जहां गोगी और टिल्लू गिरोह के सदस्य बंद हैं.
24 सितंबर को राकेश सहरावत ने एक बयान जारी कर इस घटना को बड़ी सुरक्षा चूक बताते हुए इसकी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही है. कोर्ट में सुरक्षा खतरे में है. उन्होंने कहा था कि सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही की वजह से ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की थी.
इसीक्रम में दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को हुई फायरिंग के बाद दिल्ली की निचली अदालतों में सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है. याचिका वकील दीपा जोसेफ ने दायर की है.
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याचिकाकर्ता की ओर से वकील रोबिन राजू और ब्लेसान मैथ्यु ने कहा है कि रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग पर चिंता जताई गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की निचली अदालतों में प्रैक्टिस करनेवाले वकील असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. घटना के दौरान एक महिला वकील की घायल हो गई थी. कोर्ट के अंदर शूटआउट ने जजों, वकीलों और पक्षकारों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली की अदालतों में इससे पहले भी गोली चलने की घटनाएं घटी हैं. पिछले दिनों द्वारका कोर्ट में गोली चली थी. 2019 में साकेत कोर्ट के अंदर गोली चली थी और 2017 में रोहिणी कोर्ट में गोली मारकर एक विचाराधीन कैदी की कोर्ट परिसर में हत्या कर दी गई थी. 2015 में कड़कड़डूमा कोर्ट में चार हथियारबंद अपराधियों की गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल की हत्या कर दी गई थी.
याचिका में कहा गया है कि रोहिणी कोर्ट में वकील के ड्रेस में जिस तरह अपराधी घुसे उससे साफ है कि अपराधियों को पता था कि वकीलों के ड्रेस में कोर्ट में आसानी से प्रवेश मिल सकता है. ऐसे में दिल्ली पुलिस को दिशा-निर्देश देने की जरूरत है कि वो कोर्ट परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों को ये निर्देश दें कि हर वकील को उनका आईकार्ड देखकर ही प्रवेश करने की इजाजत दी जाए. इस दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया जाए. याचिका में सुझाव दिया गया है कि दिल्ली बार काउंसिल सभी बार एसोसिएशन को एक एडवाइजरी जारी करे कि सभी वकील कोर्ट परिसर में प्रवेश करते समय पुलिस के साथ सहयोग करें.
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बता दें कि 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट रूम में फायरिंग हुई जिसमें गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की मौके पर मौत हो गई है. रोहिणी कोर्ट के कोर्ट नंबर 207 में एडिशनल सेशंस जज गगनदीप सिंह की कोर्ट में ये घटना घटी. जेल में बंद गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के वकील के भेष में आए दो हमलावर शुक्रवार को भीड़भाड़ वाली रोहिणी अदालत कक्ष के अंदर नाटकीय रूप से गोलीबारी में मारे गए. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया, सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अधिकारी उन जेलों पर कड़ी नजर रख रहे हैं जहां गोगी और टिल्लू गिरोह के सदस्य बंद हैं. पुलिस को संदेह है कि अदातल कक्ष की घटना के पीछे टिल्लू गिरोह का हाथ है. गोगी और टिल्लू गिरोह के बीच कथित तौर पर कई साल से टकराव है.