नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. हालाँकि इसी के चलते राजधानी में लॉकडाउन की सम्भावनाओं को स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने नकार दिया है. जैन का कहना है कि लॉकडाउन समाधान नहीं है. पहले एक्स्पर्ट्स ने कहा था तो वायरस को फैलने से रोकने के लिए इसे लागू किया गया था. मौजूदा स्थिति में ऐसी कोई प्लानिंग नहीं है.
जैन ने कहा कि पहले लॉक डाउन करके देखा गया था, उसके पीछे एक लॉजिक था. उस समय किसी को नही पता था कि ये वायरस कैसे फैलता है. तब कहा गया था कि संक्रमित होने से लेकर ख़त्म होने तक 14 दिन का सायकिल है. तब एक्सपर्ट का कहना था कि अगर 21 दिनों के लिए एक्टिविटी को लॉक कर दें तो वायरस फैलना बन्द हो जाएगा. फिर भी लॉकडाउन बढ़ता गया लेकिन इसके बावजूद कोरोना पूरी तरह से ख़त्म नही हुआ.
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दिल्ली में कोरोना की स्थिति
उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले दिन 1534 पॉजिटिव केस थे, 1.8% पॉजिटिविटी रही है. अभी जो पॉजिटिविटी है वो पौने 2 प्रतिशत के करीब कई दिन से चल रही है. केस जो पहले कम थे अभी थोड़ा ज़्यादा बढ़े हैं. टेस्टिंग बहुत ज़्यादा बढा दी है. अब रोज़ाना 80-90 हज़ार टेस्ट हो रहे हैं. देश के औसत टेस्टिंग से 5 गुना ज़्यादा टेस्ट हम कर रहे हैं. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं, एक-एक टेस्ट जो पॉजिटिव आ रहा है उसमें 30 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं ताकि इसको जल्द से जल्द काबू में लाया जा सके.
प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को क्या निर्देश दिये गये हैं
जैन ने कहा कि अभी हॉस्पिटल में पर्याप्त बेड हैं. अभी जो ओक्यूपेंसी है वो 20% है, और 80% बेड खाली हैं. इस पर नज़र बनाये हुए हैं अगर थोड़ी सी भी ओक्यूपेंसी बढ़ती है तो और भी बेड अगर बढ़ाने होंगे तो हम बढ़ा देंगे. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में अभी 500 बेड हैं और ओक्यूपेंसी सिर्फ 20-25 बेड की है. इसी तरह LNJP में 300 बेड हैं सारे ICU हैं. राजीव गांधी में 500 बेड में 300 बेड ICU हैं. बहुत बड़ी संख्या में ICU बेड रखे गये हैं. बेड्स की कमी हमने पहले भी कभी नहीं होने दी. जिस दिन 8,600 केस आये थे उस दिन 18,500 बेड दिल्ली में थे जिसमें से 8,500 बेड खाली थे. बेड्स की कमी बिल्कुल नहीं होने दी जायेगी.