नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की याचिका पर अगस्त में सुनवाई की जायेगी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में मुफ्ती को तलब किया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अनुरोध किया कि याचिका पर किसी और दिन सुनवाई की जाए क्योंकि वह एक मामले की आंशिक सुनवाई में व्यस्त है. इसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इसे 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
मुफ्ती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने दलील दी कि ईडी ने न्यायालय के पूर्व निर्देश के अनुसार धन शोधन मामले के तथ्यों पर प्रस्तुत करने के लिए अभी तक एक संक्षिप्त नोट दाखिल नहीं किया है. उन्होंने अनुरोध किया कि न्यायालय ईडी को नोट दाखिल करने के लिए कहे.
इस पर, पीठ ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल सुनवाई में मौजूद थे और वह अदालत के आदेश से अच्छी तरह वाकिफ थे और वह जरूरी कदम उठाएंगे. इस पर मेहता ने सिर हिलाया और कहा कि इसे दाखिल किया जाएगा.
सुनवाई के दौरान अदालत ने मुफ्ती की वकील से पूछा कि 22 मार्च को क्या हुआ जब ईडी ने उन्हें पेश होने के लिए बुलाया था. उनकी वकील ने कहा कि मुफ्ती उस दिन ईडी के सामने पेश हुई थी क्योंकि अदालत ने उन्हें कोई अंतरिम सुरक्षा नहीं दी थी.