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5G lawsuit : जूही चावला पर लगे जुर्माने को ₹20 लाख से घटाकर ₹2 लाख करने का प्रस्ताव

दिल्ली हाई कोर्ट ने 5जी मामले में अभिनेत्री जूही चावला पर लगे जुर्माने को 20 लाख से घटाकर 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने पिछले साल जून में देश में 5जी नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ अभिनेत्री जूही चावला द्वारा दायर मुकदमे (Juhi Chawla 5G lawsuit) को खारिज कर दिया था और उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

Juhi Chawla 5G lawsuit
जूही चावला 5जी मामला

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Published : Jan 25, 2022, 2:59 PM IST

Updated : Jan 25, 2022, 3:58 PM IST

नई दिल्ली :दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अभिनेत्री और पर्यावरण कार्यकर्ता जूही चावला की 5जी को लांच (Juhi Chawla 5G lawsuit) करने से रोकने की मांग खारिज करते समय सिंगल बेंच के 20 लाख रुपये के जुर्माने की रकम को कम कर दो लाख करने का प्रस्ताव दिया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसके लिए जूही चावला पर एक शर्त लगाई कि उन्हें दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के लिए कुछ सामाजिक कार्य करना होगा. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.

अदालत ने जूही चावला के वकील सलमान खुर्शीद से कहा कि वह सिंगल बेंच की ओर से लगाए गए जुर्माने की रकम को पूरे तरीके से खत्म नहीं करेगी. अदालत इसे दो लाख कर सकती है. चूंकि याचिकाकर्ता एक सेलिब्रिटी हैं, इसलिए उन्हें कुछ सामाजिक कार्य करना होगा. कोर्ट ने कहा कि जब भी दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को जरूरत होगी, वो जूही चावला से संपर्क कर सकते हैं. इस पर सलमान खुर्शीद ने जूही चावला से पूछकर कहा कि वो इस कार्य के लिए तैयार हैं.

सलमान खुर्शीद ने कहा कि चूंकि याचिका खारिज हुई है, इसलिए कोर्ट फीस के रूप में लगी रकम को दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को दे दी जाए, तब कोर्ट ने दिल्ली सेवा विधिक प्राधिकरण के सचिव कंवलजीत अरोड़ा को नोटिस जारी कर उनका पक्ष जानना चाहा. बता दें, 23 दिसंबर 2021 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सिंगल बेंच ने जून में आदेश दिया था और आप दिसंबर में आ रहे हैं. बाद में हाई कोर्ट शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई को तैयार हो गया. चार जून को 2021 को जस्टिस जेआर मिधा की सिंगल बेंच ने जूही चावला की याचिका को खारिज करते हुए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता न उचित कोर्ट फीस जमा नहीं की है. ये करना कानून की स्थापित मान्यताओं के खिलाफ है. कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर कोर्ट फीस जमा करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि याचिका दायर करने के पहले सरकार को नोटिस देना चाहिए था. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के पक्ष में कोई साक्ष्य नहीं दिया है.

याचिका में कहा गया था कि 5जी उपकरणों से रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य के खराब होने की आशंका है. जूही चावला ने इस पर एक अध्ययन के हवाले से कहा था कि ये तकनीक काफी नुकसानदायक है. याचिका में कहा गया था कि ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है जो ये बता सके कि 5जी तकनीक मनुष्य के लिए सुरक्षित है. ऐसे में इस तकनीक को लांच करने से रोका जाए.
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Last Updated : Jan 25, 2022, 3:58 PM IST

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