नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुंबई के एक टीवी पत्रकार को बलात्कार के एक मामले में बृहस्पतिवार को अग्रिम जमानत दे दी. एक 22 वर्षीय युवती ने पत्रकार के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया है.
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने पत्रकार वरुण हिरेमठ को राहत दी. पत्रकार ने 12 मार्च को यहां एक निचली अदालत से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि हिरेमठ (28) ने 20 फरवरी को चाणक्यपुरी के एक पांच सितारा होटल में उससे बलात्कार किया.
आरोपी के वकील ने निचली अदालत में दावा किया कि शिकायतकर्ता और पत्रकार के बीच शारीरिक संबंध थे.
निचली अदलत ने पत्रकार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि जरूरी नहीं है कि आरोपी के साथ शिकायतकर्ता के पिछले अनुभवों का मतलब सहमति होता है और अगर कोई महिला अदालत में कहती है कि उसकी सहमति नहीं थी तो अदालत मान लेगी कि उसकी सहमति नहीं थी.
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आरोपी के वकील ने निचली अदालत में शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच व्हाट्स ऐप और इंस्टाग्राम पर हुए संवाद दिखाए जिससे उनके बीच प्यार दिखाई देता है. महिला की शिकायत के आधार पर यहां चाणक्यपुरी पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 342 और 509 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.
शिकायतकर्ता ने अदालत से इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस की तफ्तीश में कई विसंगतियां हैं.
उसने चाणक्यपुरी पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस द्वारा की गई जांच से जुड़ी स्थिति रिपोर्ट मांगने का भी अनुरोध किया.