नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDD) नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को धनशोधन निवारण कानून (PMLA) के एक प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की बुधवार को अनुमति दे दी. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ से कहा कि उनकी मुवक्किल (महबूबा मुफ्ती) मार्च 2021 में दायर अपनी याचिका वापस लेना चाहती हैं.
याचिका में धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से उन्हें जारी समन को भी चुनौती दी गयी थी तथा इस पर रोक लगाने की मांग की गयी थी, लेकिन अदालत ने इसे पहले ही ठुकरा दिया था. अदालत को अवगत कराया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाये गये मुद्दों का निपटारा उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में पहले ही कर दिया है.