नई दिल्ली :कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने बहुत कुछ देखा और बहुत कुछ खो दिया. किसी ने कोरोना की इस आपादा को अवसर में बदलने क प्रयास किया. कुछ लोगों ने घरों पर रहकर अपने हुनर को पहचान दिलाई. आज हम आपको दिल्ली के एक ऐसे युवक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने न कोरोना को हराया, बल्कि अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज कराया. सितार वादक राजकुमार कोरोना की पहली लहर में बीमार हुए, लेकिन वह हारे नहीं और कोरोना का डटकर मुकाबला किया. इस दौरान उन्होंने अपने अकेलेपन में संगीत की साधना को जारी रखा और संगीत के जरिए कोरोना को मात दी.
सितार वादक राजकुमार ने कहा कि इसी दौरान सोशल मीडिया पर सितार को लेकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में भी देखा और फिर रिकॉर्ड को तोड़ने का भी ख्याल आया. कोरोना से ठीक होने के बाद दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात हुई तो उनसे भी प्रोत्साहन मिला और फिर 24 अगस्त को दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के शिक्षक राजकुमार ने 30 घंटे से भी अधिक समय तक सितार बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. बता दें कि इससे पहले यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भारत के ही राधाकृष्ण मनोहरण के नाम था, उन्होंने 29 घंटे 8 मिनट तक लगातार सितार बजाया था.
कोरोना के कारण हुए एक कमरे में कैद
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले सितार वादक व शिक्षक राजकुमार ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत करते हुए बताया कि जब वह कोविड-19 का शिकार हुए तो उन्हें परिवार के साथ ही सभी से दूर होना पड़ा और एक कमरे में कैद होकर रह गया. उन्होंने बताया कि जिस कमरे में वह रह रहे थे, वहां सभी वाद्य यंत्र रख लिए और साधना नहीं छोड़ी. साथ ही कहा कि जब ठीक हो कर बाहर निकले तो उनका वजन 4 किलो बढ़ा हुआ था.
वहीं उन्होंने कहा कि उन दिनों कोविड-19 के मामले भी तेजी से बढ़ रहे थे और डर भी लग रहा था, लेकिन मन में यह ख्याल था कि जो अब कुछ समय बचा है तो इस समय का बेहतर उपयोग क्यों न किया जाए. उन्होंने बताया कि वह धीरे-धीरे रियाज का समय बढ़ाने लगे और एक दिन ऐसा आया कि लगातार बिना उठे 25 घंटे तक ही रियाज किया. वहीं उन्होंने कहा कि कभी यह सोचा नहीं था कि 30 घंटे लगातार बिना एक जगह से उठे इस तरह का रिकॉर्ड बन जाएगा.
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