नई दिल्ली : कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हुई मौतों के लिए ऑक्सीजन की कमी भी बड़ा कारण था. हालांकि, संसद में दिए गए बयान में केंद्र की तरफ से बताया गया कि किसी भी राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण नहीं बताया है. इस पर विपक्ष ने खूब शोर मचाया. तब सरकार ने दोबारा राज्यों से रिपोर्ट मांगी है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि केंद्र सरकार ने अब तक हमसे ऑक्सीजन से होने वाली मौत का डाटा नहीं मांगा है. इसलिए दिल्ली सरकार ने विभाग को भी रिपोर्ट देने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं. बता दें कि कोरोना के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत को लेकर जब संसद में यह रिपोर्ट आई कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है तब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि ऑक्सीजन से हुई मौत का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने डेथ ऑडिट कमेटी बनाई थी. इसे केंद्र ने खारिज कर दिया था. यह इसलिए ताकि मौत की सच्चाई सामने न आ जाए.
केंद्र सरकार बिल्कुल गम्भीर नहीं
वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी एक बड़ा मुद्दा था. सुप्रीम कोर्ट ने उसे गम्भीरता से लिया, डॉक्टर्स भी गम्भीर मान रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी हुई है. लेकिन केंद्र सरकार बिल्कुल गम्भीर नहीं है, केंद्र सरकार कह रही है कि राज्यों से पूछा है कि कितनी मौत हुई ऑक्सीजन की कमी से?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि बताया जा रहा है कि केंद्र ने 13 अगस्त तक का समय दिया है राज्य सरकारों को. लेकिन आज तक दिल्ली सरकार को केंद्र की तरफ से एक भी चिट्ठी नहीं आई है, हमसे पूछा नहीं गया है. दिल्ली सरकार का मानना है कि ऑक्सीजन की क्राइसिस थी, हम यह नहीं कहते कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई, हमने उसके लिए कमेटी बनाई थी, जिसे उपराज्यपाल के जरिए भंग करा दिया गया.