दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति लाने का अधिकार है : हाईकोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने पुरानी आबकारी नीति के तहत एल 7 लाइसेंस धारक खुदरा दुकानों को 30 सितंबर से बंद करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति को जारी करने का अधिकार है.

दिल्ली
दिल्ली

By

Published : Sep 29, 2021, 8:45 PM IST

नई दिल्ली :दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी में नई आबकारी नीति के तहत एल 7 लाइसेंस धारक खुदरा दुकानों को 30 सितंबर से बंद करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस मामले में याचिका एल 7 लाइसेंस धाकर रतन सिंह ने दायर की थी.

याचिका में 30 सितंबर से एल 7 लाइसेंस धारक खुदरा दुकानों को बंद करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि दुकानों को बंद करने से उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इन दुकानों के बंद होने से आम लोगों को कोई नुकसान नहीं है क्योंकि दूसरी दुकानें चलती रहेंगी. कोर्ट ने कहा कि एल 1 से एल 35 तक अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग-अलग लाइसेंस हैं. लोग अब अपनी सुविधा के मुताबिक, खरीदने जा सकेंगे.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 16 नवंबर से दिल्ली सरकार की दुकानें भी बंद हो जाएंगी, ताकि नई आबकारी नीति को लागू किया जा सके. निविदा प्रक्रिया के तहत जो दुकानदार लाइसेंस हासिल करेंगे वे अपनी दुकानें चला सकेंगे.

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के अलग-अलग प्रावधानों के खिलाफ हाईकोर्ट याचिकाएं दायर की गई हैं. याचिकाओं में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोनों में विभाजित किया गया है, जबकि इन 32 जोन में केवल 16 लाइसेंस धारक ही होंगे, जिनके द्वारा संचालन किया जा सकेगा. याचिका में कहा गया है कि इससे कुछ खास लोगों का ही इस व्यवसाय पर एकाधिकार हो जाएगा.

दिल्ली कंज्युमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर कर्मचारी यूनियन ने नई आबकारी नीति में सरकार की अधिगृहित कंपनी या सोसायटी को शराब के खुदरा व्यापार का लाइसेंस नहीं देने के प्रावधान को चुनौती दी है. इस याचिका पर हाई कोर्ट नोटिस जारी कर चुका है.

पिछले 28 जुलाई को कोर्ट ने नई आबकारी नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था.

याचिकाओं में दिल्ली सरकार की ओर से पिछले 28 जून को जारी ई-टेंडर नोटिस को वापस लेने की भी मांग की गई है. दिल्ली सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति भ्रष्टाचार को कम करने की कोशिश की गई है.

इसे भी पढ़ें :बिना लाइसेंस चल रहे OYO Hotel के खिलाफ एमसीडी सख्त, किए गए सील

ABOUT THE AUTHOR

...view details