नई दिल्ली : दिल्ली शराब घोटाला मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के नोटिसों के मद्देनजर एमएलसी कविता दिल्ली पहुंचीं. अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या वह गुरुवार को ईडी की पूछताछ में शामिल होंगी या किसी अन्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आई हैं. शुक्रवार को वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला विधेयक की शुरुआत करेंगी. भारत जागृति के तत्वावधान में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए देश भर से विभिन्न दलों और महिला समूहों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है.
कविता ने सुबह बयान जारी कर कहा था कि संबंधित व्यवस्थाओं के लिए कल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम हैं. इसी क्रम में कविता रात 8 बजे दिल्ली पहुंचीं. ईडी ने गुरुवार को सुबह 11 बजे सुनवाई में शामिल होने का नोटिस जारी किया है. हालांकि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने पार्टी के नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की है कि अग्रिम योजनाएं हैं और इसके बारे में क्या करना है. बाद में कविता दिल्ली के लिए रवाना हो गईं.
हालांकि, बीआरएस सूत्रों का कहना है कि एमएलसी कविता के गुरुवार को ईडी की सुनवाई में शामिल होने की संभावना नहीं है. पार्टी नेता साफ कर रहे हैं कि वे शुक्रवार को धरना जरूर देंगे. कहा जाता है कि भारत जागृति द्वारा आयोजित धरने में कविता दिल्ली गई थी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के मामले में पूछताछ के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को तलब किया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता 44 वर्षीय कविता को नौ मार्च को दिल्ली में संघीय एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि कविता को हैदराबाद के कारोबारी रामचंद्र पिल्लई के सामने बैठाकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है. पिल्लई को ईडी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था.
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ईडी ने इससे पहले कहा था कि पिल्लई 'दक्षिणी समूह का प्रतिनिधित्व' करता है. एजेंसी के मुताबिक 'दक्षिणी समूह' में शरत रेड्डी (अरविंदो फार्मा का प्रवर्तक), मगुंता श्रीनिवासलु रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस सांसद और ओंगोल से लोकसभा सदस्य), कविता और अन्य शामिल हैं. कविता ने कहा था कि वह संसद के आगामी सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने की मांग को लेकर 10 मार्च को जंतर-मंतर पर अनशन करने के लिए दिल्ली जायेंगी. बीआरएस नेता से इससे पहले मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी पूछताछ की थी.
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दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को जीएनसीटीडी की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में गिफ्तार किया गया था. इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. ईडी ने पिछले साल मामले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी. जुलाई में दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच शुरू हुई थी. जिसमें पहली नजर में जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियम (टीओबीआर) -1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम -2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम -2010 का उल्लंघन दिखाया सीबीआई को नजर आया था.
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कविता ने कहा कि केंद्र की डराने की रणनीति :भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) एमएलसी के कविता ने बुधवार को कहा कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 9 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेश होने के लिए बुलाया गया है. मामला दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है. समन को केंद्र द्वारा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और बीआरएस पार्टी के खिलाफ 'डराने की रणनीति' करार दिया. उन्होंने कहा कि वह और पार्टी केंद्र की विफलताओं को उजागर करने के लिए लड़ाई जारी रखेगी. एक उज्जवल और बेहतर भारत के भविष्य के लिए आवाज उठाती रहेगी.
कविता ने अपने बयान में कहा कि मैं केंद्र में सत्ताधारी पार्टी को भी बताना चाहुंगी कि हमारे नेता सीएम केसीआर और पूरी बीआरएस पार्टी की आवाज के खिलाफ डराने-धमकाने की ये रणनीति हमें नहीं रोक पाएगी. केसीआर के नेतृत्व में हम आवाज उठाते रहेंगे. कविता ने आज ट्विटर पर एक बयान पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि महिला आरक्षण विधेयक लंबे समय से लंबित है; हमारी एकमात्र मांग इसे संसद में पेश करना है ताकि महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी का उचित हिस्सा दिया जा सके.
उन्होंने कहा कि 10 मार्च को जंतर-मंतर पर भाजपा सरकार से महिला आरक्षण विधेयक पेश करने और पारित करने की मांग को लेकर एक दिवसीय शांतिपूर्ण भूख हड़ताल रखी गई है. उन्होंने कहा कि हालांकि वह जांच में सहयोग करेंगी लेकिन समन में शामिल होने की तारीख को लेकर 'कानूनी राय' लेंगी. उन्होंने कहा कि एक कानून का पालन करने वाली नागरिक के रूप में, मैं जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करूंगी. हालांकि, धरने और पूर्व निर्धारित नियुक्तियों के कारण, मैं इसमें भाग लेने की तारीख पर कानूनी राय लूंगी.
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में 'सत्ता के सौदागरों' के सामने तेलंगाना 'झुकेगा नहीं'. कविता ने कहा कि मैं दिल्ली में सत्ता के सौदागरों को यह भी याद दिला दूं कि तेलंगाना दमनकारी जनविरोधी शासन के सामने कभी नहीं झुका है और न कभी झुकेगा. हम लोगों के अधिकारों के लिए निडर होकर और मजबूती से लड़ेंगे.
(पीटीआई-भाषा)