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Delhi Excise Policy Case: CBI ने प्राइवेट न्यूज चैनल के कमर्शियल हेड को किया गिरफ्तार, जानें क्या है आरोप - delhi liquor scam

दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) में CBI ने सोमवार को एक प्राइवेट न्यूज चैनल के कमर्शियल हेड को गिरफ्तार किया है. उनके ऊपर गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान AAP का चुनावी कैंपेन संभालने वाली कंपनी को 17 करोड़ रुपए देने का आरोप है.

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Published : May 15, 2023, 10:47 PM IST

नई दिल्लीःदिल्ली शराब घोटाले में CBI ने सोमवार कोएक प्राइवेट न्यूज चैनल के कमर्शियल हेड अरविंद कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है. न्यूज एजेंसी भाषा को अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सिंह को गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रचार अभियान संभालने वाली एक कंपनी को हवाला के माध्यम से 17 करोड़ रुपए देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

CBI ने बताया कि जांच के दौरान हवाला ऑपरेटर की व्हाट्सऐप चैट और रिकॉर्ड मिले हैं, जिससे पता चला कि गोवा चुनाव में AAP के लिए आउटडोर विज्ञापन अभियान चला रही ‘चैरियट मीडिया’ को जून 2021 और जनवरी 2022 के बीच 17 करोड़ रुपए हवाला के जरिए देने में सिंह की कथित रूप से भूमिका थी. गोवा विधानसभा चुनाव 14 फरवरी 2022 को हुआ था.

ED ने राजेश जोशी को किया था गिरफ्तारः चैरियट मीडिया के मालिक राजेश जोशी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 8 फरवरी को गिरफ्तार किया था. हालांकि, दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 6 मई को उन्हें जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा कि ED द्वारा पेश सबूत से पता चलता है कि चैरियट मीडिया ने AAP के चुनाव कार्य के लिए वेंडर को कुछ भुगतान किया था, लेकिन इस स्तर पर दक्षिण लॉबी द्वारा सह आरोपी विजय नायर या उसके अन्य सहयोगी को भुगतान की रिश्वत को इन भुगतानों से जोड़ने का संकेत देने के लिए कुछ भी नहीं है.

विशेष अदालत ने 6 मई को जमानत देते हुए फैसला सुनाया था कि एजेंसी द्वारा पेश बयान और साक्ष्य यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि जोशी के खिलाफ कथित मामला एक ‘वास्तविक मामला है या उन्हें उपरोक्त साक्ष्य के आधार पर इस मामले में दोषी ठहराया जाएगा.’’

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यह है आरोपः आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के उद्देश्य से 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ डीलर का पक्ष लिया गया था, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. हालांकि, इस आरोप का AAP ने खंडन किया है. बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी.

CBI के एक प्रवक्ता ने पिछले साल 17 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा था कि यह भी आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं. उन्होंने कहा था, ‘‘यह भी आरोप है कि इन कृत्यों के चलते हुए अवैध लाभ निजी पक्षों द्वारा संबंधित लोक सेवकों को खातों में गलत प्रविष्टियां करके मुहैया कराये गए.’’

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CBI ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP के कुछ नेताओं और अन्य लोक सेवकों को लगभग 90-100 करोड़ रुपए की रिश्वत का भुगतान सह-आरोपी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और दिनेश अरोड़ा के जरिए दक्षिण भारत के शराब कारोबार के कुछ लोगों द्वारा किया गया था.

(भाषा)

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