नई दिल्ली : बुल्ली बाई एप के जरिए मुसलमान महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है. कुछ अर्सा पहले सुल्ली डील के नाम से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें लगाकर उनकी नीलामी की गई थी. इस मामले में मुंबई पुलिस ने बुल्लीबाई ऐप के मामले में एक संदिग्ध आरोपी को बेंगलुरु से हिरासत में लिया है और उसे मुंबई लाया जा रहा है. वह बुलीबाई के पांच फॉलोअर्स में से एक है. उसे गिरफ्तार किए जाने की भी संभावना है.
'बुल्ली बाई एप' मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली की साइबर अपराध सेल के साथ ही दिल्ली पुलिस को फटकार लगाया और तलब करके दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया है. मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाए जाने की इस घटना को दिल्ली महिला आयोग ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस और साइबर अपराध सेल से जवाब तलब किया है.
इस मामले में दिल्ली पुलिस को लेटर लिखकर DCW ने सख्त लहजे में पूछा है कि अब तक क्या कार्रवाई की गई. स्वाति मालीवाल ने कहा कि पहले भी इसी तरह की शर्मनाक हरकत की गई थी. जिसे अब फिर दोहराया गया है. इस मामले में अब तक पूरा सिस्टम और सारी पुलिस व्यवस्था सोती रही. उन्होंने दिल्ली पुलिस और साइबर सेल से इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा तलब किया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को लिखी चिट्ठी के साथ एक ट्वीट करके अपने गुस्से का इजहार किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा है 'पहले सुल्ली डील हुआ, अब बुल्ली बाई! दोनो में मुस्लिम लड़कियों की ऑनलाइन बोली लगाई गई. दिल्ली पुलिस अगर सुल्ली डील के दोषियों को अरेस्ट करके कड़ी सज़ा दिलाती तो आज बुल्ली बाई नहीं होता. मैंने साइबर सेल को कमीशन में पेश होकर बताने को कहा है कि दोनों मामलों में कितने लोग अरेस्ट हुए!'
दिल्ली महिला आयोग ने सोमवार को 'बुल्ली बाई' एप मामले में साइबर क्राइम सेल के साथ ही दिल्ली पुलिस को समन जारी किया. आयोग ने मुस्लिम लड़कियों की तस्वीरों को उनकी सहमति के बिना इंटरनेट प्लेटफॉर्म 'गिटहब' पर अपलोड किए जाने और उनकी नीलामी की रिर्पोट का संज्ञान लेते हुए साइबर सेल को तलब किया है.
मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की तस्वीरों को अश्लील बनाकर एक अज्ञात समूह ने इंटरनेट प्लेटफॉर्म 'गिटहब' का उपयोग करके एक ऐप पर अपलोड किया जा रहा था. जिसे एप पर 'बुल्ली डील ऑफ द डे' के नाम से साझा किया जा रहा था. इस मामले के जरिए लगातार मुस्लिम समाज को निशाना बनाया जा रहा है.
कुछ दिन पहले ही एक धर्म संसद में मुस्लिम समाज के नरसंहार का एलान और इसके लिए आर्मी के इस्तेमाल की बातें भी सामने आई थीं. ये मामला थमा भी नहीं था, कि दोबारा मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ ये शर्मनाक हरकत की गई. जिस पर न तो संसद या किसी विधानसभा में कोई आवाज उठी. हद तो तब हो गई, जब छोटी-छोटी बातों का संज्ञान लेने वाला अदालती सिस्टम भी इस पर खामोश रहा.
दिल्ली महिला आयोग ने साल 2021 में सामने आए ऐसे ही मामले पर भी प्रकाश डाला. जिसमें पहले भी इसी तरह कई मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की तस्वीरें 'सुल्ली डील्स' नाम से 'गिटहब' एप पर नीलामी के लिए अपलोड की गई थीं. दिल्ली पुलिस ने डीसीडब्ल्यू के हस्तक्षेप के बाद पिछले साल जुलाई में उस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. लेकिन मुकदमा दर्ज करने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था. इस मामले में अब तक एक कदम भी पुलिस और साइबर सेल आगे नहीं बढ़ सकी है.