नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि देशभर में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है, दिल्ली में भी कोरोना का चौथा वेव खतरनाक होता दिख रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च महीने में 200 से भी कम केस प्रतिदिन आ रहे थे, लेकिन कल 24 घंटे में दिल्ली में 10,732 केस आए हैं. उससे एक दिन पहले करीब 7900 केस आए थे.
उन्होंने कहा कि अभी अस्पताल की व्यवस्था हमारे कंट्रोल में है, लेकिन आपका सहयोग चाहिए. अगर आपका सहयोग मिलता रहा और अस्पताल की व्यवस्था कंट्रोल में रही, तो हमें लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बेड की किल्लत हुई, तो हमें लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है. मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन पर भी जोर देने की बात कही.
'हमें चाहिए दिल्ली वालों का सहयोग'
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले साढ़े 8 हजार केस थे. यानी बीते तीन दिनों में ही तेजी से केस बढ़े हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हूं, हम तीन स्तर पर काम कर रहे हैं. सबसे पहला काम यह कि किस तरह कोरोना को फैलने से रोका जाए. उन्होंने कहा कि इसमें आपका सहयोग जरूरी है. हमें अपने स्वास्थ्य के लिए बढ़ चढ़कर कोरोना का प्रोटॉकल फॉलो करना पड़ेगा.
'जरूरी हो तभी निकलें घर से बाहर'
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मास्क सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने के साथ-साथ अब एक और काम करना पड़ेगा, घर से बाहर तभी निकलें, जब बहुत जरूरी हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते, लेकिन कल सरकार ने मजबूरीवश कुछ पाबंदियां लगाई हैं. बस, मेट्रो, बार और रेस्टोरेंट में 50 फीसदी की ऑक्यूपेंसी हो सकती है.
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'नवम्बर से भी खतरनाक है यह पिक'
सीएम ने कहा कि हम कोरोना को रोकने की कोशिश तो कर रहे हैं. लेकिन केसेज तेजी से बढ़ रहे हैं. पॉजिटिव आने पर मरीज अस्पताल या होम आइसोलेशन में जाते हैं, हम नहीं चाहते कि कोई बीमार पड़ें, तो बेड न मिले. उन्होंने कहा कि यह पिक नवम्बर से भी ज्यादा खतरनाक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी दिल्ली वासियों की तरफ से मेडिकल स्टॉफ को सैल्यूट करना चाहता हूं.
'बेड के लिए देखें कोरोना ऐप'
डॉक्टर्स, नर्सेज को लेकर सीएम ने कहा कि वे एक साल से पूरी तन्मयता के साथ लगे हए हैं. सीएम ने कहा कि कुछ लोगों के मैसेज आ रहे हैं कि बेड नहीं मिल रहे. हमने जो ऐप जारी किया था हॉस्पिटल बेड का, वो ऐप आज भी काम कर रहा है. अगर आपको जरूरत है, तो आप ऐप से देख लीजिए कि किस अस्पताल में बेड हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग केवल प्राइवेट अस्पतालों में दौड़ रहे हैं. वहां सीमित बेड होते हैं.