नई दिल्ली :कोरोना की वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी कारगर है इसको लेकर नई दिल्ली एम्स अस्पताल (Delhi AIIMS) में चाइल्ड ट्रायल (child vaccination) शुरू हो गया है. इस ट्रायल के अंतर्गत सोमवार से बच्चों को वैक्सीन लगाई गई. जिसके बाद उन बच्चों को ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. दोनों डोज़ दिए जाने के बाद यह ट्रायल पूरा होगा.
12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर ट्रायल शुरू
पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ( public health department) और वैक्सीनेशन कार्यक्रम के प्रमुख डॉ संजय राय ने बताया कि एम्स अस्पताल में यह ट्रायल 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों पर शुरू होना था. लेकिन अभी 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर ट्रायल शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि इस ट्रायल में 18 बच्चों को शामिल किया गया है. इन 18 बच्चों का पहले ब्लड टेस्ट (blood test) किया गया. इसके बाद कोरोना टेस्ट (corona test) और दूसरे अन्य जरूरी टेस्ट किए गए. जिसमें देखा गया कि बच्चे फिजिकली फिट है या नहीं ? सभी मानकों पर सही उतरने के बाद ही बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है.
पहले डोज़ में 6 एमजी का वायरल लोड दिया जाएगा
डॉ. संजय राय (Dr. Sanjay Rai) ने आगे बताया कि बच्चों को इस ट्रायल के दौरान दो तरीके का डोज दिया जाएगा. पहले डोज़ में 6 एमजी का वायरल लोड दिया जाएगा. उसके 28 दिनों के बाद एक बार फिर से 6 एमजी का वायरल लोड दिया जाएगा. इसके बाद पांच महीने तक बच्चे का टेस्ट किया जाएगा. साथ यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि उसके शरीर में कितनी एंटीबॉडी (Antibodies) बनी है.
पहले डोज़ के लिए 15 साल की तरीफा पहुंची अस्पताल
वैक्सीन के ट्रायल (vaccine trials) में शामिल दिल्ली के माउंट कार्मेल स्कूल में पढ़ने वाली 15 साल की तरीफा अपने पिता के साथ अस्पताल पहुंची. वह वैक्सीन लगवाने को लेकर काफी उत्साहित नजर आईं. तरीफा ने कहा कि वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है जो हमें आने वाले दिनों में कोरोना से बचा सकता है. इसीलिए वह इस ट्रायल में शामिल हुई है. उन्हें इस ट्रायल में शामिल होने को लेकर किसी प्रकार का कोई डर नहीं लग रहा है.