नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जा कर, पहले जमीनी स्थिति का आकलन करेगा और इस हिंसा प्रभावित राज्य में समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी अनुशंसा भी देगा. विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा.
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन के होने की संभावना है. लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की.
गोगोई ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'भाजपा यह तस्वीर पेश चाहती है कि मणिपुर में सब कुछ ठीक है, जबकि हिंसा अब भी जारी है. इसलिए हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत जांच कराई जाए कि यह सब कैसे हुआ.' उन्होंने प्रदेश सरकार पर विफलता का आरोप लगाया और सवाल किया कि इतने लोगों को हथियार कैसे मिले?
उन्होंने कहा, 'मैं मणिपुर जाऊंगा और सच्चाई का पता लगाऊंगा. उस सच्चाई को संसद के सामने रखूंगा.' तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल यह संदेश देना चाहता है कि 'हम मणिपुर के लोगों के साथ हैं.' उन्होंने कहा, 'हम चिंतित हैं, हम चाहते हैं कि राज्य में शांति लौटे... सरकार विफल रही है, इसलिए हम वहां जाना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि क्या समाधान निकाला जा सकता है.' द्रमुक के नेता टी आर बालू ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सुबह मणिपुर के लिए रवाना होगा और पता लगाएगा कि वहां क्या गलत हुआ, किस हद तक जान-माल का नुकसान हुआ है.