भुवनेश्वर:ओडिशा के मंत्री नब किशोर दास की हत्या के तीन महीने बाद भी इसके पीछे के मकसद को लेकर रहस्य बना हुआ है. विपक्षी दल हत्या के मकसद का पता नहीं लगा पाने के कारण मामले की जांच कर रही पुलिस की अपराध शाखा की कार्यकुशलता पर सवाल उठा रहे हैं. दास की हत्या 29 जनवरी, 2023 को की गई थी, जिसके तुरंत बाद मुख्य और एकमात्र आरोपी सहायक पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल दास को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया था. आरोपी को बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.
झारसुगुड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, दोनों ने इस मुद्दे को उठाया. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दास इसी क्षेत्र से विधायक थे. दास की बेटी दीपाली उपचुनाव में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) की उम्मीदवार हैं. उनका मुकाबला भाजपा के टंकधर त्रिपाठी और कांग्रेस के तरुण पांडेय से है.
भाजपा ने दावा किया कि जांच कछुए की गति से आगे बढ़ रही है. पार्टी ने जांच एजेंसी पर यह साबित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी गोपाल दास 'मानसिक रूप से अस्थिर' है. भाजपा प्रवक्ता मनोज महापात्र ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि झारसुगुड़ा के लोगों के मन में अपने निर्वाचित प्रतिनिधि की हत्या के पीछे की मंशा को लेकर कई सवाल हैं.
ये भी पढ़ें-Odisha Health Minister murder case: पूर्व डीजीपी बोले- आरोपी को मानसिक रूप से अस्थिर साबित करने की कोशिश