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उत्तराखंड में यहां सर्दी में सांप कंबल में ले रहे मजे, अन्य जानवर ले रहे हीटर का आनंद

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Published : Jan 8, 2023, 12:20 PM IST

जहां लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों के साथ तमाम उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं तो देहरादून चिड़ियाघर में भी वन्यजीव (Dehradun Zoo Winter Arrangements) खुद को ठंड से बचाने के लिए ऐसे ही कुछ उपायों का लाभ ले रहे हैं. यहां सांपों ने शीत निंद्रा लेते हुए गर्म कंबल और पराल का सहारा लिया हुआ है तो ठंडे पानी को गर्म करने वाली रॉड मछलियों को गुनगुने पानी का आनंद दे रही है. इसके अलावा तमाम पक्षी और जानवर भी ठंडी हवाओं को गर्म करते हीटर का लाभ ले रहे हैं.

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देहरादून चिड़ियाघर

सर्दी से बचाने के लिए जानवरों के लिए विशेष व्यवस्था.

देहरादूनःशीतलहर के बीच लुढ़कते तापमान ने न केवल इंसानों की कंपकपी छुड़ा दी है, बल्कि बेजुबान जानवर भी इस सर्दी के सितम को झेल रहे हैं. देहरादून में भी तापमान न्यूनतम 8 डिग्री तक पहुंच चुका है. शीतलहर के अभी कुछ और बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड के बीच भी देहरादून चिड़ियाघर के पक्षी और जानवर आराम से ठंड को खुद से दूर रखे हुए हैं. सर्दी बढ़ते ही सांप शीत निद्रा में कंबल के बीच ठंड को गुड बाय कह रहे हैं तो मछलियां पानी में रहकर भी परेशान करने वाली ठंड से दूर हैं. यहां पानी को गर्म कर देने वाली इलेक्ट्रिक रॉड उनकी मदद कर रही है.

इसके अलावा ऑस्ट्रिच, उल्लू और तमाम पक्षियों ने भी गर्म करने वाली पराल और बुरादे का लाभ उठाया है. जबकि, हीटर ठंडी हवाओं को इन के करीब भी नहीं आने दे रहा है. इस तरह देहरादून चिड़ियाघर में वन्यजीव और पक्षी ठंड के इस सितम (Dehradun Zoo Winter Arrangements) से बचे हुए हैं. चिड़ियाघर में न केवल कंबल और हीटर समेत तमाम दूसरे तरीकों के जरिए सर्दी से वन्यजीव व पक्षियों को बचाया जा रहा है, बल्कि उनके भोजन में भी कुछ ऐसे बड़े बदलाव किए गए हैं, जो उन्हें सर्दी से लड़ने में मदद कर रहा है.

यहां वन्यजीवों और पक्षियों को अजवाइन का पानी पिलाया जा रहा है, जो शरीर के लिए बेहद गर्म होता है. इतना ही नहीं इन्हें अंडे और गुड़ भी उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वन्यजीव गर्म चीजों को खाकर अपने शरीर को ठंड से बचा सके. इसके अलावा चिड़ियाघर में तापमान मापने के लिए भी थर्मामीटर लगाए गए हैं. साथ ही तापमान को सुनिश्चित करने के लिए लगातार इस पर निगरानी कर इसे लिखित रूप से रिकॉर्ड किया जा रहा है, ताकि एक विशेष तापमान में मछलियों और सांपों को रखा जा सके.

खास बात ये है कि ठंड बढ़ते ही जहां सांप शीत निद्रा में चले गए हैं. ऐसे में कंबल या गर्म घास के नीचे छिपने के कारण पर्यटक उन्हें नहीं देख पा रहे हैं तो वहीं गुलदार भी अपने बाड़े के अंदर बने हीटर वाले छोटे से बॉक्स में छुप गए हैं. जिसके कारण लोग उन्हें नहीं देख पा रहे हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में पर्यटक चिड़िया घर पहुंच रहे हैं और इसकी एक बड़ी वजह सर्दियों के कारण स्कूल में पड़ी छुट्टियों को भी माना जा रहा है.
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