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नशा मुक्ति केंद्र रेप केस : CCTV फुटेज से खुलेगा राज, जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा

नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों के साथ रेप मामले में पुलिस ने परत की तह तक जाने में जुटी हुई है. इसके लिए पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है.

नशा मुक्ति केंद्र
नशा मुक्ति केंद्र

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Published : Aug 11, 2021, 5:56 AM IST

देहरादून : नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों के साथ रेप मामले में पुलिस ने परत की तह तक जाने में जुटी हुई है. पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर अपने कब्जे में ले ली है. सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद नशा मुक्ति केंद्र से जुड़े कई राज सामने आ सकते हैं.

जानकारी के मुताबिक नशा मुक्ति केंद्र में 6 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिनकी डीवीआर पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है. पुलिस सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाल कर इस बात का पता लगाने में जुटी हुई है कि नशा मुक्ति केंद्र में ड्रग्स लाता कौन था? इसके अलावा नशा मुक्ति केंद्र के स्टाफ के अलावा वहां पर किसका आना-जाना होता था.

इस सबसे अलग पुलिस नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती लड़कियों के भी बयान दर्ज कर रही है. ताकि पता चल सके कि संचालक ने वॉर्डन की मदद से किसी और लड़की के साथ तो दुष्कर्म नहीं किया. नशा मुक्ति केंद्र से 13 लड़के जा चुके हैं, जबकि अभी भी कुछ लड़के और लड़कियां वहीं पर रह रहे हैं.

वहीं पुलिस नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती लड़के और लड़कियों के परिजनों से भी संपर्क कर रही है. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक नशा मुक्ति केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से इस बात का पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन लोग संस्था में आते थे. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नशा मुक्ति केंद्र के सभी सीसीटीवी कैमरे बाहर सड़क की तरफ लगे हुए हैं. ऐसे में अंदर क्या होता था, इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल है.

दोनों आरोपियों को भेजा जेल
नशा मुक्ति केंद्र में रेप के दोनों आरोपी संचालक विद्या दत्त रतूड़ी को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है. वहीं वॉर्डन पहले इस मामले में जेल जा चुकी है.

नशा मुक्ति केंद्रों पर कसा शिकंजा
क्लेमेंटटाउन, पटेल नगर और सदर थाना इलाके में करीब 10 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र हैं. देहरादून एसएसपी के निर्देश पर इन नशा मुक्ति केंद्रों ने पुलिस टीम छापेमारी कर जा रही है. इस दौरान नशा मुक्ति केंद्र से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाई जा रही हैं.

क्या है मामला
दरअसल, क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र के प्रकृति विहार में वॉक एंड विन सोवर लिविंग होम के नाम से एक नशा मुक्ति केंद्र संचालित होता है. गुरुवार (5 अगस्त) की शाम इस नशा मुक्ति से चार नाबालिग लड़कियां फरार हो गई थीं. नशा मुक्ति के स्टाफ ने इसकी सूचना क्लेमेंटटाउन थाना पुलिस को दी. पुलिस ने लड़कियों की खोजबीन शुरू की. शुक्रवार दोपहर को पुलिस ने एक युवती को बंजारावाला क्षेत्र से पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस ने अन्य तीन लड़कियों को त्यागी रोड स्थित एक होटल से खोज निकाला.

लड़की ने पुलिस को बताई आपबीती
इसमें से एक लड़की ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई. लड़की ने पुलिस को बताया कि वह स्मैक की आदी हो गई थी, इसलिए उसके माता-पिता ने उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करा दिया था.

लड़की ने संचालक को मारा था थप्पड़: डेढ़ महीने पहले इस नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हुई इस पीड़िता ने पुलिस को बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में बहुत गलत काम होते हैं. पहले सब कुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन बाद में केंद्र के संचालक विद्यादत्त रतूड़ी ने उसे स्मैक का लालच दिया. इसके बदले उसने शरीरिक संबंध बनाने की शर्त रखी, जिसके बाद उसने आरोपी संचालक विद्यादत्त को थप्पड़ तक मार दिया था, हालांकि, उसे बहुत मार भी खानी पड़ी थी.

लड़कियों से छेड़छाड़ करता था संचालक

पीड़िता ने बताया कि संचालक दूसरी लड़कियों से भी छेड़छाड़ करता था और सबको स्मैक व अन्य नशे का लालच देता था, इस बात पर लड़कियां चुप हो जाती थीं. अगर वॉर्डन विभा सिंह से शिकायत की जाती तो वो उनको पीटती थी. संचालक को थप्पड़ मारने के बाद भी जब लड़की ने वॉर्डन को बताया तो उनसे उसके साथ मारपीट की, जिस वजह से उसके पैर में चोट भी आई.

मुंह बोले भाई ने की मदद
इस घटना के बाद ही उसने वहां से भागने की योजना बनाई. इसमें लड़की का साथ उसके मुंह बोले भाई ने दिया और त्यागी रोड पर एक होटल बुक कराया. वहां से निकलने के लिए उसने दूसरी लड़कियों से भी संपर्क किया.

वॉर्डन विभा को कमरे में दिया था धक्का
प्लानिंग के तहत 5 अगस्त का दिन तय हुआ. मौका पाकर उन्होंने वॉर्डन विभा को कमरे में धक्का दिया और बाहर से दरवाजा बंद कर वहां से निकल गई. इसके बाद एक लड़की त्यागी रोड पर बुक किए गए होटल में गई.

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छोटी गलतियों पर बड़ी सजा
वहीं, अन्य लड़कियों ने पुलिस को बताया कि देहरादून नशा मुक्ति केंद्र में छोटी गलतियों पर कड़ी सजा दी जाती थी. अगर किसी लड़की ने अपनी प्लेट धोने में थोड़ी देर कर दी तो उसे सजा भुगतनी पड़ती थी. कोई थोड़ा तेज बोल दे तो डंडों से पिटाई या नुकीली ईंटों या स्टूल पर घंटों बैठाया जाता था, रात में ड्यूटी कराई जाती थी और सीसीटीवी कैमरे के सामने खड़ा किया जाता था. सुबह रिकॉर्डिंग में देखा जाता था कि अगर पलक झपकी तो उसे सजा मिलती थी.

दोनों आरोपी जेल में बंद
लड़कियों को बयान के आधार पर शनिवार (7 अगस्त) को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया. पुलिस ने वॉर्डन विभा देवी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. वहीं सोमवार (9 अगस्त) को संचालक आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया था.

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