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Sant Samagam in Lucknow: राम मंदिर 'राम राज्य’ के विचार का बनेगा वैश्विक सांस्कृतिक केन्द्रः राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में महर्षि महेश योगी की जयंती के मौके पर आयोजित ‘संत समागम’ (Defense Minister in Sant Samagam) में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की उन्होंने इस दौरान स्वामी विवेकानंद और महर्षि योगी को देश का सांस्कृतिक राजदूत बताया.

मंच से भाषण देते राजनाथ सिंह.
मंच से भाषण देते राजनाथ सिंह.

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Published : Jan 12, 2023, 7:01 PM IST

लखनऊ: केंद्रीय रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह गुरुवार को लखनऊ पहुंचे. यहां उन्होंने महर्षि महेश योगी की 106 वीं जयंती के अवसर पर संत समागम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया. इस दौरान राजनाथ सिंह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि महेश योगी भारत के 'सांस्कृतिक चिह्न ' माने गए हैं. उन्होंने भारतवर्ष की प्राचीन काल से चली आ रही आध्यात्मिक गंगा को उसी तरह समृद्ध किया, जैसे गंगा नदी को गोमती समृद्ध करती है. रक्षामंत्री ने इस दौरान राम मंदिर जिक्र करते हुए कहा कि राम मंदिर 'राम राज्य’ के विचार का वैश्विक सांस्कृतिक केन्द्र बनेगा. कार्यक्रम महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के तत्वधान में आयोजित हुआ.

महर्षि योगी और स्वामी विवेकानंद देश के सांस्कृतिक राजदूतःकार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि "आज का यह दिन निश्चित रूप से बड़ा ऐतिहासिक दिन है क्योंकि आज 12 जनवरी के दिन एक नहीं बल्कि दो महापुरुषों की जयंती मनाई जाती है. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म आज ही के दिन 1863 में कोलकाता में हुआ था. उनकी स्मृति में आज पूरे देश में युवा दिवस मनाया जा रहा है. इसी 12 जनवरी को 1918 में जबलपुर में महर्षि महेश योगी जी का जन्म हुआ था. जिन्होंने योग और साधना के भारतीय ज्ञान को पश्चिमी देशों तक पहुंचाया. स्वामी विवेकानंद और महर्षि योगी दोनों ही भारत के 'सांस्कृतिक चिह्न' और 'सांस्कृतिक राजदूत' माने जाते है."

रक्षामंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को लेकर कहा कि "प्राचीन भारतीयता की पताका को आधुनिक आधार प्रदान कर, संपूर्ण विश्व में लहराया. उन्होंने भारतीय मूल्यों और सनातन धर्म को दुनिया भर में प्रसारित किया. ऐसे में मैं समझता हूँ, अपने प्राचीन ज्ञान, साधना और तप को आधार बनाकर भारत एक बार फिर से समस्त विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है. मानवता को एक शांत, सुखमय और समृद्ध विश्व की ओर अग्रसर कर सकता है."

महर्षि योगी ने सिद्धि के लिए कर दिया अपना जीवन समर्पितःमहर्षि महेश योगी जी को लेकर रक्षामंत्री ने कहा कि वेद के उद्धार की बात तब आती है, जब लोक में क्रियाशक्ति कुंठित हो जाती है. चूंकि ज्ञान की सत्ता जितनी प्रबल रहेगी, उतनी क्रियाशक्ति गठित रहेगी. जितनी क्रिया शक्ति सफल रहेगी, उतना ही व्यवहार सफल होगा. महर्षि महेश योगी ने इसी विचार का बीजारोपण किया था, जो आज एक विशाल वृक्ष बनकर भारत समेत पूरे विश्व को शीतल छाया प्रदान कर रहा है. मानवता के हितार्थ वेदों के पुनरुद्धार का जो संकल्प उन्होंने अपने जीवन में लिया था. उसकी सिद्धि के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.

राजनाथ सिंह ने कहा कि महर्षि योगी ने जिस राम राज्य की परिकल्पना पिछली शताब्दी के आठवें दशक में की थी, वह उनके लिए केवल विचार नहीं था. उसको धरातल पर लाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास भी किया. उन्होंने ‘राम राज्य’ के विचार की राजधानी अयोध्या में स्थापित करने का संकल्प लिया. हम सबके लिए यह हर्ष की बात है कि अब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। वह मंदिर केवल भगवान श्रीराम का मंदिर मात्र ही नही होगा, बल्कि ‘राम राज्य’ के विचार का वैश्विक सांस्कृतिक केन्द्र बनेगा.

संत समागम में मौजूद संत और राजनाथ सिंह.

संत समाज के दिग्गज हस्तियां रही मौजूदःकार्यक्रम में संत समाज की तमाम जानी मानी हस्तियां भी मौजूद रही. परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, पूज्य आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी जी, श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, पूज्य श्री महंत रविन्द्र पुरी जी, महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, परम पूज्य सुधांशु जी महाराज, डॉ रामविलास वेदांती जी महाराज, पूर्व सांसद हिंदू धाम श्री अयोध्या जी, पूज्य महंत कमल नयनदास जी महाराज, छोटी छावनी श्री अयोध्या जी, परम पूज्य स्वामी विद्या चैतन्य जी महाराज, श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद, श्री चित्रगुप्त पीठाधीश्वर कैलाशपीठ नेपाल, पूज्य श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर शिव प्रेमानंद जी महाराज, हरिद्वार.

संत समागम में मौजूद लोग.

इसके अलावा परम पूज्य श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज, आनंद पीठाधीश्वर श्री पंचायती आनंद अखाड़ा, पूज्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी श्री रामेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज, श्री पूज्य महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री स्वामी विकास दास महाराज, पूज्य सुरेश दास दिगंबर अखाड़ा अयोध्या, महंत राजकुमार दास राम वल्लभा कुंज अयोध्या , राजू दास हनुमानगढ़ी अयोध्या, महंत रामदास नाका हनुमानगढ़ी, अयोध्या.

महंत धर्मदास हनुमानगढ़ी अयोध्या, महंत पवनदास शत्रुघ्न निवास झुनकी घाट अयोध्या, पूज्य मैथिली शरण दास जी लक्ष्मण किलाधीश अयोध्या, महंत मिथलेश नाथ देवीपाटन, पूज्य स्वामी जितेंद्रानाथ सरस्वती राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय संत समिति गंगा महासभा, पूज्य स्वामी चिन्मयानंद बापू महाराज कथावाचक, परम पूज्य आचार्य सतीश सद्गुरु नाथ, स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य महाराज सुग्रीव किला, श्यध्या जी, भी उपस्थित थे.

संत समागम में मौजूद लोग.

राजनीतिक हस्तियों ने भी की शिरकतःकार्यक्रम में कई राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रहीं. जैसे प्रयागराज सांसद रीता बहुगुणा जोशी, योगी मंत्रिमंडल में मंत्री अजीत पाल सिंह, पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, राजेश्वर सिंह, विधायक, नीरज बोहरा विधायक, योगेंद्र शुक्ला विधायक, मेयर लखनऊ संयुक्ता भाटिया, मुकेश शर्मा एलसी, महानगर अध्यक्ष लखनऊ जैसी कई जानी मानी हस्तियां मौजूद रहीं. इस दौरान महर्षि यूनिवर्सिटी के कुलपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया.

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