नई दिल्ली :भारत और चीन की सेनाओं के बीच 14वें दौर की वार्ता (India-China Corps Commanders meeting) में कोई सफलता नहीं मिली तथा दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से करीबी संपर्क बनाए रखने और शेष मुद्दों के यथाशीघ्र 'परस्पर स्वीकार्य समाधान' के लिए वार्ता जारी रखने को सहमत हुए. गुरुवार को एक संयुक्त बयान में यह कहा गया. संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष अगले दौर की सीमा वार्ता यथाशीघ्र करने के लिए सहमत हुए हैं.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को कहा था कि भारत 14वें दौर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में गश्त बिंदु 15 (हॉट स्प्रिंग्स) पर सैनिकों को पीछे हटाने से जुड़े मुद्दों के हल के लिए आशान्वित था. यह वार्ता, पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग झील पर एक पुल का निर्माण करने को लेकर भारत द्वारा चीन की आलोचना किये जाने के कुछ दिनों बाद हुई. भारत ने कहा था कि यह (पुल) एक ऐसे क्षेत्र में है जो करीब 60 वर्षों से चीन के अवैध कब्जे में रहा है.
भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की बैठक बुधवार को चीन की ओर चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल पर हुई थी. संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों के रक्षा और विदेश मामलों से संबंधित प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर (लद्दाख सीमा) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संबद्ध मुद्दों के समाधान के लिए खुलकर और गहराई से विचारों का आदान-प्रदान किया. बयान में कहा गया है कि वे इसे लेकर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेतृत्वों द्वारा उपलब्ध कराये गये दिशानिर्देश का पालन करना चाहिए तथा शेष मुद्दों के यथाशीघ्र हल के लिए काम करना चाहिए.