कारवार (कर्नाटक) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत यहां विकसित किया जा रहा नौसेना अड्डा एशिया में सबसे बड़ा होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इसके लिए वह बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य अगले 10-12 वर्षों में विश्व की तीन शीर्ष नौसेना में शामिल होने का रहना चाहिए.
इससे पहले रक्षा मंत्री ने कारवार और कोच्चि (Karwar and Kochi) में भारत के प्रमुख नौसन्य अड्डों का बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरा शुरू किया. सिंह ने कहा, 'प्रोजेक्ट सीबर्ड का दौरा करने से पहले इसे देखने और समझने की मुझे उत्सुकता थी...मैं कारवार को बहुत करीब से देख कर खुश हूं और कह सकता हूं कि इस नौसेना अड्डे ने मेरे विश्वास को बढ़ा दिया है.'
उन्होंने नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना के पूरी हो जाने पर न सिर्फ भारत की रक्षा तैयारियां मजबूत होंगी, बल्कि देश का व्यापार, अर्थव्यवस्था और उसके द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली मानवीय सहायता भी मजबूत होगी.
हमारी इच्छा यह है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा नौसेना अड्डा होना चाहिए
उन्होंने कहा, 'यह कहा जा रहा है कि यह भारत का सबसे बड़ा नौसना अड्डा होगा, लेकिन मैंने कहा है कि न सिर्फ भारत का, बल्कि हमारी इच्छा यह है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा नौसेना अड्डा होना चाहिए तथा मैं इसके लिए जरूरत पड़ने पर बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करूंगा.' नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ सिंह ने परियोजना क्षेत्र और स्थलों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद वह यहां आईएनएस कदम्ब हेलीपैड पहुंचे.
यह भी पढ़ें -अल्मोड़ा और श्रीनगर में भी NDA परीक्षा केंद्रों को मिली मंजूरी
रक्षा मंत्री ने परियोजना के हवाई सर्वेक्षण के दौरान कहा कि इस नौसेना अड्डे का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और इसका श्रेय अधिकारियों तथा नाविकों को जाता है. उन्होंने कहा, 'मैंने देश की प्रथम सीलिफ्ट सुविधा को भी देखा, जो पूर्व की तुलना में हमारे रखरखाव कार्य को बेहतर करेगा...इसलिए मेरा कहना है कि यह नौसेना अड्डा शेष से अलग है.'
अगले 10 या 12 वर्षों में शीर्ष तीन नौसैनिक शक्तियों में शामिल होने का लक्ष्य