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Indigenous production of defence equipment: रक्षा मंत्री ने कहा- स्वदेशी उत्पादन से सैन्य शक्ति को मजबूत करने का प्रयास जारी - सरकार रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज विजयादशमी के अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने सैनिकों के साथ दशहरा कार्यक्रमों में शामिल हुए. Indigenous production of defence equipment

Defence Minister Rajnath Singh at Indo China border efforts  strengthen military power through indigenous production
रक्षा मंत्री ने कहा- स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करने का प्रयास जारी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 24, 2023, 1:50 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 2:09 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

तवांग: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल के बुम ला में भारत-चीन सीमा की अपनी यात्रा के दौरान सैनिकों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने समुद्र तल से 15000 फीट की ऊंचाई पर माइनस तापमान में देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में सैनिकों के प्रयासों की सराहना की. राजनाथ सिंह ने सैनिकों से कहा, 'मैं उन कठिन परिस्थितियों को देखना चाहता था जिनमें हमारे सैनिक भारत की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे है.' बुम ला दर्रा तिब्बत में चीन के त्सोना काउंटी और भारत के अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के बीच एक सीमा दर्रा है.

उन्होंने बताया कि दो दिवसीय दौरे के दौरान उनके साथ मौजूद भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे उन्हें सैनिकों की स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने 1962 के युद्ध के नायक सूबेदार जोगिंदर सिंह को अरुणाचल प्रदेश के बुम ला में उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. राजनाथ सिंह सोमवार को असम और अरुणाचल प्रदेश की दो दिवसीय यात्रा के लिए तेजपुर पहुंचे. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश पहुंचे. यहां उन्होंने पुष्पांजलि समारोह में भाग लिया. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तवांग सेक्टर में तैनात सुरक्षा कर्मियों के साथ बातचीत की और शस्त्र पूजा की.

राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि देश की सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यह रेखांकित करते हुए कि सरकार रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है.

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पहले हम अपनी सेना को उन्नत करने के लिए आयात पर निर्भर रहते थे. लेकिन आज देश के भीतर कई प्रमुख हथियारों और प्लेटफार्मों का निर्माण किया जा रहा है. विदेशी कंपनियों को अपनी तकनीक साझा करने और घरेलू उद्योग के साथ भारत में उपकरण का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. 2014 में, रक्षा निर्यात का मूल्य लगभग 1,000 करोड़ रुपये था, लेकिन आज हम हजारों करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 24, 2023, 2:09 PM IST

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