नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence minister Rajnath Singh) ने सोमवार को लोगों, खासकर युवाओं से एकजुट होने और मादक पदार्थों की लत के खिलाफ लड़ने की अपील की. राजनाथ ने इसे देश की पूरी क्षमता हासिल करने की राह में एक बड़ी बाधा बताया. राजनाथ सिंह यहां सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित 'एनसीसी कैडेटों के साथ बातचीत और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ शपथ' समारोह में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों और युवाओं के साथ बातचीत कर रहे थे.
कार्यक्रम में मौजूद एनसीसी कैडेट सभी 17 राज्य निदेशालयों के कैडेट और देश के विभिन्न हिस्सों के युवा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए. रक्षा मंत्री ने उनसे उसी पैमाने पर नशीले पदार्थों की लत से लड़ने और खत्म करने का आग्रह किया, जिस तरह देश के क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता सुनिश्चित की.
राजनाथ ने कहा कि भारत विश्व की महाशक्तियों में से एक बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन, कुछ सीमाएं हैं जो हमें अपनी वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने से रोक रही हैं. नशीली दवाओं की लत एक ऐसी सीमा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि तमाम खूबियों के बावजूद हमारा देश अभी तक विकसित देशों की कतार में खड़ा नहीं हो पाया है, क्योंकि यहां कई लोग हैं, खासकर युवा नशे की चपेट में हैं.
राजनाथ ने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं. वे राष्ट्र की आधारशिला हैं. अगर उनका वर्तमान नशे में है तो उनके भविष्य का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. सिंह ने कहा कि हमें ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है जैसे हमने अपनी आजादी के लिए की थी.
नशों के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से बताते हुए मंत्री ने कहा कि ड्रग्स न केवल समाज में कानून और व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी गतिविधियों को भी जन्म देते हैं. उन्होंने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठन स्वीकार करते हैं कि अवैध ड्रग व्यापार से अर्जित धन का उपयोग आतंकवादी संगठनों की सहायता के लिए किया जाता है, जिससे कई देशों की रक्षा और सुरक्षा को खतरा होता है.
उन्होंने कहा कि एक साथ काम करने और समाज के सभी वर्गों से खतरे से छुटकारा पाने की तत्काल आवश्यकता है. सिंह ने एनसीसी कैडेटों से तीन-चार कैडेटों का एक समूह बनाने और नशीली दवाओं के आदी युवाओं को उनके दुष्प्रभावों के बारे में बताने का आग्रह किया. उन्होंने उन्हें नशीले पदार्थों के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में पहले ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर सरकार द्वारा स्थापित नशामुक्ति केंद्रों से आसानी से कैसे संपर्क किया जाए, इसके बारे में बताने का आह्वान किया. इसके माध्यम से कैडेट उन लोगों की मदद कर सकेंगे जो खुद को नशे के चंगुल से मुक्त करना चाहते हैं.
एनसीसी कैडेट सशस्त्र बलों का अवतार :राजनाथ ने कहा कि हमारे एनसीसी कैडेट एक तरह से हमारे सशस्त्र बलों का एक और अवतार हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारी सेना बाहरी दुश्मनों से देश की रक्षा कर रही है तो हमारे एनसीसी कैडेट्स देश को ड्रग्स जैसे आंतरिक दुश्मनों से बचा सकते हैं. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समाज के सभी वर्गों के सम्मिलित प्रयासों से राष्ट्र 'अमृत काल' में मादक द्रव्यों के खतरे से मुक्त होगा.
कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया गया था. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग भारत सरकार में नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए नोडल विभाग है. जागरूकता पैदा करने के लिए, सरकार द्वारा 15 अगस्त, 2020 को 272 चिन्हित जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) शुरू किया गया था. अब तक तीन करोड़ युवाओं, दो करोड़ महिलाओं और 1.59 लाख शिक्षण संस्थानों सहित आठ करोड़ से अधिक लोग एनएमबीए का हिस्सा बन चुके हैं. आज के कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, रामदास अठावले, रक्षा राज्य मंत्री अजय कुमार, लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह आदि भी मौजूद थे.
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