नई दिल्ली : अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने बुधवार को कहा कि लद्दाख में भारत से लगती सीमा के निकट चीन द्वारा कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे स्थापित किया जाना चिंताजनक है और इस क्षेत्र में चीनी गतिविधियां आंख खोलने वाली है. भारत के दौरे पर आये अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने यहां पत्रकारों से कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का अस्थिर करने वाला और दबाव बढ़ाने वाला व्यवहार उसकी मदद नहीं करने जा रहा है. भारत से लगती अपनी सीमा के निकट चीन द्वारा स्थापित किए जा रहे रक्षा बुनियादी ढांचे चिंताजनक हैं.
भारत और चीन के सशस्त्र बलों के बीच पांच मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं, जब पैंगोंग त्सो क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. पिछले महीने, यह सामने आया कि चीन पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग झील के आसपास अपने कब्जे वाले क्षेत्र में एक अन्य पुल का निर्माण कर रहा है. वह ऐसा कदम इसलिए उठा रहा है, ताकि सेना को इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से जुटाने में मदद मिल सके.
चीन भारत से लगे सीमावर्ती इलाकों में सड़कें और रिहायशी इलाके जैसे अन्य बुनियादी ढांचे भी स्थापित करता रहा है. चीन का हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न देशों जैसे वियतनाम और जापान के साथ समुद्री सीमा विवाद है. लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध के उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर, फ्लिन ने कहा, 'इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियां आंख खोलने वाली हैं. भारत से लगती अपनी सीमा के निकट चीन द्वारा स्थापित किए जा रहे कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे चिंता की बात है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि (चीनी सेना की) पश्चिमी थिएटर कमान में जो कुछ बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है, वह चिंताजनक है.' चीनी सेना की पश्चिमी थिएटर कमान भारत की सीमा से लगी है. उन्होंने कहा कि चीन का अस्थिर करने वाला और दबाव बनाने वाला व्यवहार उसकी मदद नहीं करने जा रहा है.