चेन्नई: आईआईटी-मद्रास परिसर ( IIT-Madras campus) में हिरणों की एंथ्रेक्स से मौत (Deer Died of Anthrax) हो गई, और पिछले दो दिनों में अत्यधिक संक्रामक जूनोटिक बीमारी ( Highly Infectious Zoonotic Disease) के कारण तीन और की मौत होने का संदेह है. शवों को मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार दफनाया गया है. इसके बारे में आईआईटी मद्रास ने एक बयान जारी कर कहा कि पिछले दो दिनों में चार हिरणों की मौत हो चुकी है. जिनमें से एक नमूने के परीक्षण से एंथ्रेक्स की उपस्थिति का पता चला जबकि अन्य तीन नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट अनिर्णायक थे.
शव के निस्तारण में मानक संचालन प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedures) का पालन किया जा रहा है. जिस इलाके में शव मिला था, उसे सेनिटाइज कर उसकी घेराबंदी कर दी गई है. बयान में कहा गया कि हम परिसर में सुरक्षा उपायों के संबंध में वन्यजीव वार्डन की सलाह ले रहे हैं. वन्यजीव और पशुपालन प्राधिकरण और चेन्नई निगम एंथ्रेक्स प्रोटोकॉल पर संस्थान का मार्गदर्शन कर रहे हैं. अगले 10 दिनों के लिए हमारे अस्पताल द्वारा शव के पास वन्यजीव कर्मियों (Wildlife Personnel) सहित या शव को संभालने वाले सभी संचालकों को एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स (A Course Of Antibiotics) पर रखा जाएगा.
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बयान में कहा गया कि IIT मद्रास बहुत जल्द एंथ्रेक्स के खिलाफ टीकाकरण शुरू करेगा. 9 लोगों की एक टीम वन्यजीवों को चौबीसों घंटे देख रही है. साथ ही जानवरों को एंटीबायोटिक खुराक भी दी जा रही है. बयान में कहा गया कि हम सभी संभावनाओं का विश्लेषण कर रहे हैं कि यह बीमारी आईआईटी मद्रास परिसर में कैसे प्रवेश कर सकती थी क्योंकि शुरुआत से ही हमने ऐसी कोई बीमारी नहीं देखी है. हिरण या अन्य वन्यजीव परिसर से बाहर नहीं जाते हैं. हालांकि कुत्ते इसका एक कारण हो सकते हैं.
बयान में कहा गया कि यह एक आपात स्थिति है. ले लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. हमने एक महामारी को संभाला है इसलिए हम तैयार हैं और पूरी तरह से सतर्क हैं. IIT मद्रास परिसर में सभी छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है.