पानीपत:हरियाणा के पानीपत जिले में गड़ी भलोर गांव में एक मादा हिरण और एक महिला की दोस्ती आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है. गांव की महिला रेशमा और मादा हिरण टोटो की दोस्ती की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. रेशमा के मुताबिक वो साल 2020 के दिसंबर महीने में यमुना किनारे लगते अपने खेतों में घास काटने के लिए गई थी. उसने देखा कि वहां एक मादा हिरण अपने बच्चे को जन्म दे रही थी. इस दौरान जंगली कुत्तों ने मादा हिरण पर हमला कर दिया.
जिसके बाद मादा हिरण वहां से जान बचाकर भाग गई और एक कुत्ता मादा हिरण के बच्चे को नोचने लगा. तब रेशमा ने हिरण के बच्चे को कुत्तों से छुड़वा लिया और अपने साथ घर ले आई. घायल हिरण के बच्चे को रेशमा ने घर में ही घरेलू उपचार ठीक किया. सर्दी में बचा कर रखा और अपने पास सुलाया. आज ये हिरण परिवार का अहम हिस्सा बन गया है. इस मादा हिरण का नाम रेशमा ने टोटो रखा है. टोटो अब रेशमा के साथ ही रहता है. अगर रेशमा घर से बाहर किसी काम से जाती है तो टोटो उसके साथ हर समय रहता है.
घर की सदस्य बन गई है टोटो: रेशमा और टोटो में इतना प्यार है कि वो एक ही बर्तन में खाते हैं और एक साथ ही सोते हैं. इस मादा हिरण की उम्र अब 16 महीने की हो चुकी है. कई बार महिला और उसके पति ने उसे जंगल में छोड़ा, लेकिन टोटो हर बार उनके पीछे-पीछे आ जाती है. रेशमा के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारी भी इसे लेकर जंगल में गए थे, लेकिन ये जंगल के माहौल में नहीं रह पाई. जंगल में हिरण की तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने टोटो को रेशमा के घर छोड़ने का फैसला किया. अब इंसानों से इस कदर घुल मिल चुकी है कि ये जंगल में रह नहीं सकती.