भोपाल।दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा है. 14 साल के वनवास के बाद भगवान श्री राम के अयोध्या वापसी पर दीये जलाए गए थे. दीपावली के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अयोध्या वापस आए थे. इसी परंपरा को मानते हुए पूरे भारत में दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं. अगर इन दीये में भगवान राम के चरणों की रज भी मिली हो तो सोने पर सुहागा है.
ये परिवार से बरसों से निभा रहा परंपरा :छतरपुर के प्रजापति समाज में बरसों से ये परंपरा है. इस समाज के लोग गणपति के आगमन के साथ दिवाली की तैयारियां शुरू कर देते हैं. खास बात ये है कि उनके बनाए दीये में ओरछा की मिट्टी यूं डाली जाती है जैसे घर की शुध्दि के लिए गंगाजल. ओरछा की मिट्टी भले छटांक भर ही मिलाएं लेकिन प्रजापति समाज इसे मिलाता जरूर है. प्रजापति समाज के राजकुमार बताते हैं परिवार में ये बरसों की परंपरा है. हम ओरछा की मिट्टी मिलाने के बाद ही दीए चाक पर रखते हैं. हमारे हर दिए में भगवान राम के चरणों की रज है.