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लाल किला हिंसा: दीप सिद्धू के वॉयस सैंपल की होगी जांच

26 जनवरी को लाल किला हिंसा के दौरान आरोपी दीप सिद्धू एवं इकबाल सिंह ने फेसबुक लाइव किया था. आरोप है कि दोनों ने वहां मौजूद लोगों को हिंसा के लिए भड़काया. इनके वीडियो क्राइम ब्रांच ने ले लिए हैं.

दीप सिद्धू, इकबाल सिंह
दीप सिद्धू, इकबाल सिंह

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Published : Jun 25, 2021, 1:37 PM IST

नई दिल्ली:लाल किला हिंसा मामले में गिरफ्तार हो चुके दीप सिद्धू ने घटना के समय फेसबुक लाइव किया था. यही फेसबुक लाइव उसकी मुश्किलें बढ़ाने वाला है. पुलिस उसके इस वीडियो को जांच के लिए रोहिणी स्थित एफएसएल भेजेगी और इसमें मौजूद आवाज से दीप सिद्धू की आवाज का मिलान किया जाएगा. इस जांच के लिए क्राइम ब्रांच ने अदालत से आदेश भी ले लिए हैं. जांच की रिपोर्ट बाद में उनके द्वारा अदालत को सौंपी जाएगी.

26 जनवरी को लाल किला हिंसा के दौरान आरोपी दीप सिद्धू एवं इकबाल सिंह ने फेसबुक लाइव किया था. आरोप है कि दोनों ने वहां मौजूद लोगों को हिंसा के लिए भड़काया. इनके वीडियो क्राइम ब्रांच ने ले लिए हैं. इसके अलावा दीप सिद्धू के 25 जनवरी को पंजाब के कई चैनल को दिए गए इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग भी क्राइम ब्रांच ने जब्त की है.

दिल्ली से रिपोर्ट

इन सभी वीडियो को आरोपपत्र के साथ अदालत में जमा करवाया गया है. पुलिस ने अदालत को बताया है कि दीप सिद्धू को 25 जनवरी को ही पता था कि वह पुलिस द्वारा तय किये गए रूट पर नहीं जाकर रिंग रोड पर जाएंगे.

पुलिस जल्द लेगी दोनों का वॉयस सैंपल

फेसबुक पर दीप सिद्धू एवं इकबाल सिंह का वीडियो मौजूद है, जो उन्होंने लाल किला से लाइव किया था. इसे जांच के लिए क्राइम ब्रांच एफएसएल भेजेगी, लेकिन इसके साथ ही दोनों आरोपियों की आवाज से वीडियो में मौजूद आवाज का मिलान करवाना भी आवश्यक है. इसलिए पुलिस जल्द ही दीप सिद्धू एवं इकबाल सिंह का वॉयस सैंपल रोहिणी स्थित एफएसएल में दिलवाया जाएगा.

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इसके लिए क्राइम ब्रांच ने बीते अप्रैल माह में ही अदालत से मंजूरी ले ली थी, लेकिन कोविड के चलते वॉयस सैंपल नहीं लिया जा सका था. अब स्थिति सामान्य हो चुकी है, इसलिए यह जांच करवाने की तैयारी क्राइम ब्रांच कर चुकी है.

फेसबुक से भी मांगी जानकारी

क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि फेसबुक पर अपलोड किए गए वीडियो को लेकर फेसबुक से भी जानकारी मांगी है. उनसे इन वीडियो का आईपी एड्रेस और लॉग डिटेल उपलब्ध कराने को कहा गया है. इससे यह साबित होगा कि किस कंप्यूटर या मोबाइल से यह फेसबुक वीडियो डाला गया था. इन साक्ष्यों के जरिये क्राइम ब्रांच आरोपियों का अपराध अदालत के समक्ष साबित करने की कोशिश करेगी.

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