नई दिल्ली :कहा जाता है कि भारतीय सैनिक वर्दी में एक किसान है क्योंकि अधिकांश सैनिक किसान परिवार से आते हैं या जुडे़ हैं. देश के कई राज्यों में किसान पृष्ठभूमि वाले युवाओं ने व्यापक और हिंसक विरोध किया जो इस बात को बल देता है कि कृषि क्षेत्र पर मंडराता संकट इसके विरोध की प्रमुख वजह है. सोमवार (20 जून) को भारतीय किसानों के एक छात्र संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में - थल सेना, नौसेना और वायु सेना में गैर अधिकारी वर्ग के लिए 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना के विरोध में 24 जून को देशव्यापी 'बंद' का ऐलान किया है. कृषि और खाद्य नीति के प्रमुख विशेषज्ञ देविंदर शर्मा ने कहा. “कृषि श्रमिकों का सीधा संबंध है जो संकट में हैं जो सड़कों व गलियों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह ग्रामीण क्षेत्रों में गहराते कृषि संकट के कारण असमंजस की स्थिति में फंसे युवाओं के गुस्से का प्रतिबिंब है. शर्मा का कहना है कि 2016 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत के 17 राज्यों में एक किसान परिवार की औसत आय सिर्फ 20,000 रुपये प्रति वर्ष थी.
शर्मा कहते हैं कि यह देश का लगभग आधा हिस्सा है. अगर किसान एक महीने में 1,700 रुपये से कम कमा रहा है तो उसके वंशज खेती क्यों करेंगे? आप उनसे क्या करने की उम्मीद करते हैं? जाहिर है कि युवा अच्छे भविष्य की तलाश करेंगे. हमने कई वर्षों से किसानों को उचित आय दिलाने में असफल रहे हैं और यही विरोध का मुख्य कारण है. लगता है सरकार ने जानबूझकर कृषि सेक्टर पर कम फोकस किया है. क्योंकि भारत में आर्थिक सुधार आवश्यक हो गए हैं. उद्योग को वित्तपोषित करने के लिए आपको कृषि का त्याग करना होगा. 14 जून को घोषित, 'अग्निपथ' योजना 4 साल की अवधि के लिए 17.5 से 21 वर्ष (ऊपरी आयु सीमा के एक बार के विस्तार के साथ 23 वर्ष) के बीच के युवाओं को भर्ती का अवसर प्रदान करती है, चार साल की अवधि के बाद एक-चौथाई या योग्यता, उनकी मंशा और संगठनात्मक आवश्यकता के आधार पर 'अग्निवीर' के 25% को अगले 15 वर्षों के लिए पुन: नियोजित किया जाएगा. शेष तीन-चौथाई या 75% को 'सेवा निधि' नामक आकर्षक सेवानिवृत्ति पैकेज के साथ रिटायर कर दिया जाएगा.
'अग्निपथ' का उद्देश्य 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की फिटनेस और गतिशीलता का दोहन करना है साथ ही भारतीय सैनिक की औसत आयु प्रोफ़ाइल को 32 से 26 वर्ष अर्थात 6 वर्ष कम करना है. मंगलवार (21 जून) को सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने 'अग्निपथ' योजना को "सुरक्षा-केंद्रित, युवा-केंद्रित और सैनिक-केंद्रित" बताया. जबकि सेना ने रविवार (19 जून) को असमाजिक तत्वों और कोचिंग सेंटर को विरोध के लिए दोषी ठहराया. जबकि जानकार इसे भारतीय कृषि क्षेत्र में तीव्र संकट के साथ जुडा बता रहे हैं. हिंसक विरोध के कारण सार्वजनिक संपत्ति का व्यापक विनाश और दिन-प्रतिदिन के जीवन में भारी व्यवधान पैदा हुआ है. खास कर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना के शहरों और ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला जहां कृषि क्षेत्र गंभीर संकट में है.