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किसान और जनहित के जो फैसले तेलंगाना में किए जा सकते हैं, महाराष्ट्र में क्यों नहीं?: केसीआर - केसीआर का महाराष्ट्र सरकार से सवाल

तेलंगाना के सीएम केसीआर ने नागपुर (kcr in Nagpur) में महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. केसीआर ने कहा कि तेलंगाना में किसानों के हित में फैसले हो सकते हैं तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं.

K Chandrasekhar Rao in Nagpur
: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव

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Published : Jun 15, 2023, 9:05 PM IST

नागपुर :तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को नागपुर में (kcr in Nagpur) आयोजित भारत राष्ट्र समिति कैडर की बैठक में अपने भाषण की शुरुआत महाराष्ट्र की पावन भूमि को नमन करते हुए की. उन्होंने मंच से शिंदे-फडणवीस सरकार से पूछा कि तेलंगाना में किसानों और जनहित को ध्यान में रखकर जो फैसले हो सकते हैं, महाराष्ट्र में क्यों नहीं?

केसीआर ने कहा, जनसंख्या के मामले में हम चीन को पीछे छोड़ चुके हैं. भारत में पार्टियों का फोकस अब केवल चुनाव जीतना है. कुछ भी करके चुनाव जीतना शुरू हो गया है. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है. नेताओं के बजाय लोगों को चुनाव में जीतना चाहिए. देश में 42 फीसदी किसान हैं. आजादी के 75 साल बाद भी लोग सिर्फ पानी और बिजली मांग रहे हैं.

केसीआर ने कहा कि 'देश में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या करते हैं. महाराष्ट्र में राज्य में पानी की समस्या है जहां कई नदियों का उद्गम होता है. 75 साल का यह दौर बहुत लंबा है. कई लोगों ने किसानों का मुद्दा लेकर चुनाव लड़ा. यह दुख की बात है कि आज भी प्याज के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है.' तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि हमें लोगों के बारे में सोचना होगा.

देश को नई जल नीतियों की जरूरत : केसीआर ने कहा कि 'आज हमारे पास जरूरत से दोगुना पानी है. बारिश का पानी नदी में बहता है. 50 हजार टीएमसी पानी समुद्र में चला जाता है. इतने सारे नेता हैं और कुछ भी नहीं हो रहा है.'

केसीआर ने कहा कि 'भारत के पास सर्वाधिक कृषि योग्य भूमि है. अमेरिका में 29 प्रतिशत, चीन में 16 प्रतिशत, भारत में 50 प्रतिशत कृषि के लिए उपयुक्त भूमि है. हर एकड़ जितना पानी उपलब्ध है उतना पानी दे सकता है. उद्योगों के लिए पानी उपलब्ध कराने के बाद भी पानी बना रहता है.' के चंद्रशेखर राव ने कहा कि देश में नई जल नीति लाने की कोशिश करने की जरूरत है.

...तो महाराष्ट्र में क्यों नहीं? : केसीआर ने कहा कि 'देश में कोयला प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. जब देश में अगले 150 वर्षों तक आपूर्ति करने के लिए पर्याप्त कोयला है, तो लोगों को बिजली क्यों नहीं मिल रही है?' केसीआर ने कहा कि 'पहले तेलंगाना में किसान आत्महत्या करते थे. आज तेलंगाना में 24 घंटे मुफ्त बिजली मिलती है. किसान खुश हैं. हमने किसान आत्महत्याओं को रोका. हम किसानों द्वारा खेतों में उगाई गई सभी फसलों को खरीदते हैं. देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं होता है. जल कर किसी से नहीं लिया जाता है. मुफ्त पानी और बिजली.'

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पूछा, अगर तेलंगाना जैसा छोटा राज्य सभी लोगों के लिए ऐसा कर सकता है तो महाराष्ट्र क्यों नहीं? केसीआर ने कहा कि 'हम पूरा चुनाव लड़ेंगे. अब किसान, विधायक-सांसद बनना चाहते हैं. सबका पेट भरने वाला किसान संसद में भी कानून बना सकता है. इसकी शुरुआत महाराष्ट्र में हो चुकी है. केंद्र सरकार मानती है कि देश में किसान आत्महत्या करते हैं.'

केसीआर ने कहा कि 'लोगों को धर्म, जाति के आधार पर बांटकर वे चुनाव जीतने लगे. इस पर चर्चा होनी चाहिए. हमारी पार्टी से चार लाख लोग जुड़े हैं. बड़े नेता भी हमारी तरफ देख रहे हैं.' केसीआर ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि महाराष्ट्र से शुरू हुआ ये कदम आगे बढ़ेगा, भारत में बदलाव आएगा.'

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