नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय (Former Chief Secretary Alapan Bandopadhyay) की याचिका को कैट की प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने सभी पक्षों को कल यानि 26 फरवरी तक लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया है.
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ट्रिब्यूनल को एक बेंच से दूसरे बेंच को मामला ट्रांसफर करने का विशेषाधिकार है. बता दें कि पहले इस मामले को सिंगल बेंच से डिवीजन बेंच में ट्रांसफर किया गया था. अलपन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कैट के दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें कैट के कोलकाता बेंच से केस प्रिंसिपल बेंच को ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है. याचिकाकर्ता अलपन बंदोपाध्याय की ओर से वकील कुणाल मीमाणी ने कहा प्रिंसिपल बेंच का आदेश नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. बंदोपाध्याय को ट्रांसफर पिटीशन पर अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 28 मई 2021 को चक्रवात यास को लेकर हुई बैठक में बंगाल के मुख्य सचिव रहते हुए अलपन के शामिल नहीं होने पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. अलपन को दिल्ली रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें रिलीव करने से इनकार कर दिया था. इस बीच 31 मई को बंदोपाध्याय ने वीआरएस ले लिया. लेकिन केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ कार्यवाही जारी रखी.