नई दिल्ली:टीएमसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में दूर रहने का फैसला किया है. हालांकि सूत्रों ने कहा कि ममता ने पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा इस मुद्दे पर उन्हें बुलाए जाने के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया था. बाद में ममता ने यही आश्वासन राकांपा प्रमुख शरद पवार को भी दोहराया.
हालांकि, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी (TMC general secretary Abhisekh Banerjee) ने आरोप लगाया कि मार्गरेट अल्वा को सर्वसम्मति से उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार घोषित किए जाने से पहले उनकी पार्टी से सलाह नहीं ली गई थी. जानकार सूत्र ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि टीएमसी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद ये निर्णय लिया. सरमा ने इस महीने की शुरुआत में दार्जिलिंग में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से मुलाकात की थी.
सूत्रों ने बताया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सरमा से उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए टीएमसी का समर्थन हासिल करने को कहा था. सूत्रों ने कहा, 'भाजपा कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी मंच को और कमजोर करने के लिए टीएमसी के समर्थन की तलाश कर रही है.'
पहली चार्जशीट से हटे अभिषेक-रुजिरा के नाम : गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में ममता, हिमंत और धनखड़ के बीच बंद कमरे में हुई बैठक के कुछ दिनों बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टीएमसी के अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा नरूला बनर्जी के नाम अपनी पहली चार्जशीट से हटा दिए हैं. कोयला तस्करी के मामले ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के शीर्ष अधिकारियों सहित 41 लोगों को आरोपी बनाया गया है. देश को हिला देने वाले इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों से कई मौकों पर पूछताछ की है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है. एनडीए उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की भारी अंतर से जीत तय मानी जा रही है.
393 वोट हासिल करने होंगे :उपराष्ट्रपति चुनाव में एक उम्मीदवार को 788 में से कम से कम 393 वोट हासिल करने होंगे, जो लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त ताकत है. इससे पहले टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि टीएमसी 6 अगस्त को होने वाले मतदान से दूर रहेगी. बनर्जी ने कहा, 'विपक्ष ने पार्टी से राय किए बिना उम्मीदवार (मार्गरेट अल्वा) को उतारने का फैसला किया, जिस तरह से ये तय किया गया हम इस तरीके का विरोध करते हैं.' हालांकि, समीकरणों के मुताबिक अगर टीएमसी चुनाव में शामिल भी होती है तो भी एनडीए उम्मीदवार धनखड़ की जीत तय है.
ये है चुनाव प्रक्रिया :उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सदस्य होते हैं. नागरिक और विधान सभा के सदस्य सीधे उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं करते हैं. संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के अलावा, एंग्लो-इंडियन जैसे मनोनीत सदस्य भी चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं.