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एक बच्चा...दावेदार दो, अब DNA से होगा असली पिता का फैसला - Decision of real father

बाराबंकी के जिला महिला अस्पताल में एक बच्चे को अपना बताते हुए दो-दो दावेदार आपस में भीड़ गए. इस विवाद को सुलझाने के लिए पुलिस दोनों पक्षों का DNA परीक्षण कराएगी.

DNA से होगा असली पिता का फैसला
DNA से होगा असली पिता का फैसला

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Published : Jul 28, 2022, 10:37 PM IST

बाराबंकी: जनपद से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां जिला महिला अस्पताल के SNCU (Special Newborn Care Unit) में भर्ती एक बच्चे को अपना बताते हुए दो-दो दावेदार आपस में भीड़ गए. इससे अस्पताल परिसर में भी हंगामा खड़ा हो गया. मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची. मामले को समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन जब बता नहीं बनी तो आखिरकार बच्चे के असली पिता की पहचान के लिए पुलिस ने बच्चे और दोनों पक्षों के मां-बाप के डीएनए परीक्षण कराने की बात कही.

जियनपुर गांव निवासी विक्रम का कहना है कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के बाद बुधवार को जैदपुर सीएचसी पर भर्ती कराया था. मामले की गम्भीरता को देखते हुए वो अपनी पत्नी को बाराबंकी शहर ले आया और उसने यहां के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया. रात में उसकी पत्नी ने एक मेल चाइल्ड को जन्म दिया. बच्चे की हालत नाजुक देख नर्सिंग होम के डॉक्टर्स ने बच्चे को जिला अस्पताल में दिखा लेने की सलाह दी. विक्रम और उसके परिजन बच्चे को रात ही में जिला महिला अस्पताल लाए, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को SNCU में भर्ती कर लिया. विक्रम और उसके परिजनों के मुताबिक सुबह तक उसका बच्चा ठीक था. लेकिन उसके बाद बवाल शुरू हो गया.

पुलिस बच्चे और दोनों पक्षो के मां-बाप का ब्लड सैम्पल लेकर उनका डीएनए परीक्षण कराएगी.

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उधर तहसील फतेहपुर के बन्नी रोशनपुर निवासी सत्येंद्र का कहना है कि बुधवार को दोपहर में वो अपनी पत्नी को लेकर जिला महिला अस्पताल आया था. शाम साढ़े पांच बजे उसकी पत्नी का ऑपरेशन हुआ. उसने एक मेल चाइल्ड को जन्म दिया. बच्चे और मां को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. रात 10 बजे डॉक्टर आए और उन्होंने कहा कि बच्चे की तबियत ठीक नहीं होने के चलते उसे SNCU में भर्ती कर दिया.

वहीं, गुरुवार को हंगामा उस वक्त खड़ा हो गया जब भर्ती दोनों बच्चों में से गुरुवार को सुबह एक बच्चे की मौत हो गई. अब जिंदा वाले बच्चे को दोनों पिता अपना बता रहे हैं. सीएमएस प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों को भर्ती करते वक्त पूरी सतर्कता बरती जाती है. उनकी टैगिंग की जाती है. किसी प्रकार बच्चे के बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है. अब जब दोनों पक्ष नहीं मान रहे हैं तो इस मामले को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है. पुलिस बच्चे और दोनों पक्षो के मां-बाप का ब्लड सैम्पल लेकर उनका डीएनए परीक्षण कराएगी. रिपोर्ट आने के बाद असली पिता को बच्चे को सौंप दिया जाएगा. तब तक बच्चे को बाल कल्याण समिति की निगरानी में रखा जाएगा.


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