नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार को फिर से महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और संघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर बहस होगी. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल के कोर्ट में 12 बजे से बहस शुरू होगी.
इससे पहले बुधवार को हुई बहस के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट में लगाए गए आरोपों को बृजभूषण के वकील राजीव मोहन ने झूठा और साजिश पूर्ण बताया. उन्होंने बृजभूषण के पक्ष में कई दलीलें पेश की. इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह भी कोर्ट में पेश हुए. हल्के हरे रंग का कुर्ता और सफेद रंग की धोती व गले में गमछा डाले बृजभूषण कोर्ट पहुंचे.
इस दौरान बृजभूषण ने कोर्ट में कहा कि बिना किसी गलत इरादे के किसी महिला को छूना या गले लगाना अपराध नहीं है. बृजभूषण की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि आरोप बहुत पुराने हैं और इनका आधार बनावटी है. यह नहीं माना जा सकता कि शिकायतकर्ताओं ने डर की वजह से पहले शिकायत नहीं की. वकील ने यह भी दलील दी कि शिकायतकर्ता पांच साल तक स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और पांच साल तक सामने नहीं आए और बाद में यह कहना कि वे खतरे में थे, उचित और वैध स्पष्टीकरण नहीं है.
मोहन ने कोर्ट के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि कोर्ट के पास इस मामले की सुनवाई करने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है. क्योंकि अपराध देश से बाहर किए जाने का आरोप है. दो अपराध अशोक रोड स्थित कुश्ती संघ के कार्यालय और सीरी फोर्ट के हैं. सीरी फोर्ट में गले लगाने का आरोप है, लेकिन किसी महिला को बिना गलत इरादे के और बाल प्रयोग के छूना अपराध नहीं है. बृजभूषण के वकील ने आगे कहा कि कुश्ती के अधिकतर कोच पुरुष हैं. महिला कोच बहुत दुर्लभ हैं. अगर कोई कोच किसी उपलब्धि पर खुशी के मारे किसी खिलाड़ी को गले लगा रहा है तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आ सकता. बृजभूषण और तोमर की पेशी के दौरान कोर्ट के बाहर और अंदर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई थी.