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फर्जी टीकाकरण मामला: गिरफ्तार देबांजन देव के आवास पर पुलिस की रेड

फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर लगाने के मामले में देबांजन देव (28) और उसके साथियों पर आपराधिक धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और ठगने के मामले दर्ज किए गए हैं. देव ने खुद को कोलकाता नगर निगम का संयुक्त आयुक्त बताया था, जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया था.

फर्जी टीकाकरण मामला
फर्जी टीकाकरण मामला

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Published : Jun 28, 2021, 11:14 AM IST

Updated : Jun 28, 2021, 11:41 AM IST

कोलकाता :कोलकाता में फर्जी टीकाकरण शिविर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 28 वर्षीय देबांजन देब ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि उसने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट को पत्र लिखकर कोविशील्ड टीके की मांग की थी. कोलकाता पुलिस ने यह जानकारी दी.

फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर लगाने का मामला

जानकारी के मुताबिक, देबांजन देब ने कथित तौर पर अपने चाचा को फर्जी प्रमाणपत्र देकर धोखा दिया है.

चित्रकार संदीप मन्ना ( देबांजन देब का चाचा) को डर है कि देबांजन देब ने उसके साथ धोखा किया है.

कोलकाता पुलिस के मुताबिक, टीम ने आरोपी देबांजन के आवास पर छापेमारी की (जहां से नकली वैक्सीन शिविर आयोजित किए). टीम ने मौके से विभिन्न विभागों के कुछ स्टाम्प, जाली दस्तावेज बरामद किए है. साथ ही तीन डेबिट कार्ड और बैंक पासबुक भी बरामद किए गए हैं.

बता दें कि कस्बा में नकली वैक्सीन मामले के मुख्य आरोपी देबांजन देब पर भी उसके ही चाचा ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

देबंजन के चाचा और चित्रकार संदीप मन्ना के अनुसार, देबंजन ने अपने चित्रों का प्रदर्शन किया और मन्ना को उनके चित्रों के लिए राज्यपाल द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र भेजा गया था कि उन्हें डर है कि वे झूठे भी हो सकते हैं.

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बता दें कि, कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने खुद को आईएएस अधिकारी के रूप में पेश कर फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर लगाने वाले युवक और उसके तीन सहयोगियों पर शनिवार को हत्या का प्रयास तथा भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

उन्होंने कसबा इलाके में टीकाकरण शिविर लगाया था, जहां तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने भी टीका लगवाया था.

सरकार के एक उच्च सूत्र के अनुसार, चारों आरोपियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने का निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर लिया गया.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फर्जी टीकाकरण के प्रभाव की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का भी गठन किया है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि चार सदस्यीय समिति जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी. इस मामले में कोलकाता पुलिस ने देब के तीन साथियों को गिरफ्तार किया है.

अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि देब ने कहा कि उसने शहर में कई नहीं, बल्कि दो फर्जी टीकाकरण शिविर स्थापित किए थे, जैसा कि कई लोगों ने कहा है. देब ने खुद को कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के रूप में पेश किया था.

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वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जांच कर्मियों ने अब तक आठ बैंक खातों का पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल आरोपी ने अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया था.

कभी उसके अधीन काम करने वाले दस अन्य लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान, पुलिस को यह भी पता चला कि 28 वर्षीय व्यक्ति विभिन्न सरकारी एजेंसियों को पत्र लिखता था और लोगों को यकीन दिलाने के लिए उन पर रसीद की मुहर लगाता था.

अधिकारी ने बताया, देबांजन ने दो टीकाकरण शिविर आयोजित करना कबूल किया है- एक एम्हर्स्ट स्ट्रीट पर सिटी कॉलेज में और दूसरा कसबा में अपने कार्यालय में. उसने यह भी दावा किया कि उसने सीरम इंस्टीट्यूट के एक अधिकारी को कोविशील्ड टीके की मांग करते हुए एक मेल लिखा था. हम उसके दावों की सच्चाई का पता लगा रहे हैं.

Last Updated : Jun 28, 2021, 11:41 AM IST

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