कोट्टयम/इडुकी : केरल के दक्षिण और मध्य हिस्से में शनिवार को भारी बारिश की वजह से कई स्थानों पर अचानक आई बाढ़ और कई स्थानों पर भूस्खलन से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई जबकि करीब एक दर्जन लोग लापता हैं. बारिश के कारण भयावह हुई स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्य के लिए सेना से मदद का अनुरोध करना पड़ा है.
देश के इस दक्षिणी राज्य में बारिश जनित घटनाओं की वजह से कई लोग घायल हुए हैं जबकि कई विस्थापित हुए हैं. राज्य के अधिकतर बांध अपनी पूरी क्षमता से भर चुके हैं और भूस्खलन की वजह से पहाड़ों में बसे कई छोटे कस्बे और गांव शेष दुनिया से कट गए हैं.
कोट्टयम, इडुकी और पथनमथिट्टा जिलों के पहाड़ी इलाकों में कुछ ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई है जैसी स्थिति वर्ष 2018 और 2019 की विनाशकारी बाढ़ के दौरान उत्पन्न हुई थी. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और भयभीत होने की जरूरत नहीं है.
दावे के बावजूद राज्य पुलिस और दमकल विभाग की राहत टीम बाढ़ और खराब मौसम की वजह से प्रभावित इलाकों तक नहीं पहुंच पा रही है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, स्थिति गंभीर है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नवीनतम मौसम पूर्वानुमान संकेत दे रहा है कि हालात अब इससे अधिक खराब नहीं होंगे.
अधिकारियों ने बताया कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान कोट्टयम के कूट्टीकल और इडुकी के पेरुवनथानम पहाड़ी गांव पहुंच रहें हैं जहां पर नदी कई घरों को बहा ले गई है और कई लोग विस्थापित हुए हैं.
भूस्खलन प्रभावित इन गांवों के पड़ोस में पहुंचे राज्य के सहकारिता मंत्री वीएन वासन ने बताया कि दो महिलाओं और एक बच्चे का शव तलाशी अभियान के दौरान निकाला गया है जबकि घटना में मारे गए एक पुरुष के शव की तलाश की जा रही है.उन्होंने बताया कि इन गांवों से 12 लोग लापता हैं.
पुलिस ने बताया कि एक अन्य घटना में इडुकी जिले के कंजर में कार के बाढ़ में बह जाने से उसमें सवार 30 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. उसका शव बरामद कर लिया गया है.
रक्षा प्रवक्ता ने कहा, आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमआई- 17 और सारंग हेलीकॉप्टर पहले ही तैयार रखे गए हैं. केरल में मौसम की स्थिति को देखते हुए वायुसेना की दक्षिणी कमान के सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
प्रवक्ता ने बताया, भारतीय थलसेना पहले ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में सैनिकों की तैनाती कर चुकी है. एक टुकड़ी को पैंगोड सैन्य ठिकाने से कोट्टयम जिले के कांजीरपनल्ली भेजा गया है जिनमें एक अधिकारी, दो जेसीओ और 30 अन्य जवान शामिल हैं.
भारतीय नौसेना के दक्षिणी कमान ने कहा कि वह बचाव एवं राहत अभियान मे स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए पूरी तरह से तैयार है.
नौसेना ने ट्वीट किया, गोताखोर और बचाव टीम सूचना मिलते ही तैनाती के लिए तैयार है. एक बार मौसम अनुकूल हो तो हेलीकॉप्टर से मदद शुरू करने के लिए तैयार हैं.
इससे पहले सहकारिता एवं पंजीकरण मंत्री वी. एन. वासवन ने कहा कि कोट्टयम जिले में कम से कम तीन घर बह गए और दस लोगों के लापता होने की आशंका है.
मंत्री ने कहा, कोट्टयम जिले के विभिन्न हिस्सों से कम से कम चार भूस्खलन की घटनाओं की सूचना है. हमने वायुसेना से सहयोग मांगा है ताकि कोट्टीकल इलाके में फंसे लोगों को बचाया जा सके. हमें कुछ लोगों के लापता होने की सूचना है और 60 से अधिक लोग बचाव कार्य का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पानी घरों में घुस गया है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से दी गयी नवीनतम जानकारी के मुताबिक पथनमथिट्टा, कोट्टयम, एर्णाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है. कोट्टयम और पथनमथिट्टा जिला बारिश से सबसे अधिक प्रभावित है जहां पर शुक्रवार रात से ही बारिश हो रही है.
सोशल मीडिया पर कोट्टयम जिले की कई तस्वीरें वायरल हुई है जिनमें बाढ़ के पानी में फंसी केएसआरटीसी की बस और स्थानीय लोगों द्वारा बस में सवार यात्रियों को बचाने की तस्वीर शामिल है.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बारिश की स्थिति की समीक्षा करने के लिए शनिवार शाम को उच्च स्तरीय बैठक की और प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य और तेज करने का फैसला किया.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि सभी सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि वे प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए और उन इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजे जहां पर बाढ़ या भूस्खलन का खतरा है. विजयन ने जिलाधिकारियों को भी प्रभावित और विस्थापित किए गए लोगों के लिए राहत शिविर खोलने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि इन शिविरों का परिचालन कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए किया जाना चाहिए.
मौसम विभाग द्वारा 19 अक्टूबर तक बारिश की चेतावनी दिए जाने के मद्देनजर बैठक में यह भी फैसला किया गया कि 18 अक्टूबर तक पथनमथिट्टा के घने जंगलों में स्थित सबरीमाला अयप्पा मंदिर में किसी भी तीर्थयात्री को जाने की अनुमति नहीं दी जाए. इस मंदिर को शनिवार को ही शाम पांच बजे थुला मसम पूजा के लिए खोला गया है.
बयान में कहा गया कि उच्च शिक्षण संस्थान जिन्हें 18 अक्टूबर से खोला जाना था अब 20 अक्टूबर से शुरू होंगे.
विजयन ने राज्य के लोगों से अगले 24 घंटे के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि दक्षिण और मध्य जिलों में बारिश पहले ही शुरू हो चुकी है तथा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शाम तक उत्तरी जिलों में भी बारिश तेज हो जाएगी.
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उन्होंने कहा कि भारी बारिश के परिणामस्वरूप कुछ नदियों में जल स्तर बढ़ने की आशंका है तथा कुछ बांधों के गेट खोले जाने की भी आशंका है. उन्होंने नदियों और बांधों के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों को अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पथनमथिट्टा स्थित कक्की बांध, त्रिशूर स्थित शोलयार बांध और इडुकी स्थित कुंडाना और कल्लारकुट्टी सहित केएसईबी के तहत बांधों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है.
इस बीच, तिरुवनंतपुरम के चेम्पकमंगलम में शुक्रवार रात को बारिश की वजह से दीवार का हिस्सा गिरने पर दो बच्चे चमत्कारिक रूप से बच गए. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि जब दीवार गिरी तो बच्चे सो रहे थे लेकिन वे बच गए और उन्हें हल्की चोंटे आई हैं.
सरकारी अधिकारियों ने बारिश के चलते लोगों को पर्यटक स्थलों और नदियों के किनारे नहीं जाने की सलाह दी है.
भारी बारिश के कारण कोल्लम और कोट्टयम जिलों सहित कई स्थानों पर सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है, जबकि कुट्टनाड क्षेत्र में भीषण जलभराव ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
त्रिशूर के जिला प्रशासन ने लोगों से निचले इलाको और बाढ़ संभावित क्षेत्रो से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. इस बीच, राजस्व मंत्री के राजन ने आपदा प्रबंधन कार्यक्रमों के साथ समन्वय करने और राज्य भर में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज दोपहर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ एक बैठक की.
(पीटीआई-भाषा)