पटना:केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को जान से मारने की धमकी मिली है. इस बात का खुलासा खुद केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने किया है. उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों ने फोन करके मुझे धमकी दी है. फोन पर कहा गया कि हाजीपुर सीट छोड़ दो नहीं तो गोली मार देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करेंगे. पशुपति पारस ने हाजीपुर थाने में केस भी दर्ज करा दिया गया है. उनके पीएस मामले की शिकायत की है.
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पशुपति पारस को जान से मारने की धमकी: पशुपति पारस ने इस दौरान चिराग पासवान पर एक बार फिर से हमला किया है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान बार-बार कहते हैं कि हाजीपुर मेरे पिता की कर्मभूमि है. उस सीट पर मेरा अधिकार है. मेरा सवाल है कि अगर चिराग पासवान का हाजीपुर में अधिकार है तो रामविलास पासवान ने कभी उनको वहां का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दिया? 1977 में मुझे मेरे भाई ने मौका दिया था. पशुपति पारस ने कहा कि रात को उन्हें एक धमकी भरा फोन आया था.
"रात 11:57 बजे हमारे सरकारी आवास के सरकारी टेलीफोन पर एक व्यक्ति का कॉल आया. उसने मुझे धमकी दी कि आप चिराग पासवान के खिलाफ बोलते हैं, आपको हाजीपुर घुसने नहीं देंगे. आपको जान से मार देंगे. मुंह में कालिख पोत देंगे. इसके बाद रात को 12:04 चार मिनट पर मेरे पर्सनल नंबर पर भी चार बार कॉल आया."- पशुपति पारस,केंद्रीय मंत्री
चिराग पासवान का नाम लेकर धमकी:पशुपति पारस ने उस नंबर को भी मीडिया के साथ साझा किया जिससे धमकी भरा कॉल आया था. पशुपति पारस ने कहा कि फोन करके अनाप-शनाप बोलने लगा. मामले को लेकर शिकायत की जा रही है. बार-बार मेरे साथ घटनाएं घट रही हैं. मेरे पीएस ने हाजीपुर में मामला दर्ज करवा दिया है.
'बार-बार मुझे किया जा रहा टारगेट': साथ ही पशुपति पारस ने कहा कि इसकी शिकायत मैं गृह मंत्री अमित शाह से भी करूंगा. इसको लेकर पत्र लिखा जाएगा. बार-बार मेरे साथ ऐसी घटनाएं होती हैं. ये तीसरी घटना है. पहली बार जब मंत्री बनकर मैं हाजीपुर गया था तब भी जानलेवा हमला हुआ था. जब मोकामा गया था तब भी मेरे ऊपर हमला किया गया था.
'चिराग के साथ अब कभी नहीं...': साथ ही आरएलजेपी प्रमुख पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान के साथ नहीं आएंगे. बीजेपी ने चिराग को एनडीए में शामिल कर लिया है, इससे कोई समस्या नहीं है. ना मैं उनका चाचा हूं और ना चिराग पासवान मेरा भतीजा है. दिल और दल दोनों अलग हो गए हैं जो अब कभी नहीं मिलेंगे.
क्या है हाजीपुर सीट का विवाद?:अब सवाल ये है कि हाजीपुर सीट से चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान को इतना प्यार क्यों है?. दरअसल, लोजपा के किसी नेता या फिर पासवान परिवार से हाजीपुर सीट जीतना बहुत आसान है. हाजीपुर में रामविलास पासवान ने विकास के कई काम किए. जैसे होटल मैनेजमेंट संस्थान, पूर्व मध्य रेलवे का जोनल ऑफिस, सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी खुला. ऐसे में रामविलास पासवान के नाम पर इस सीट से चुनाव जीतना पासवान परिवार या लोजपा के किसी नेता के लिए आसान होता है. बता दें कि हाजीपुर सीट से पशुपति पारस मौजूदा सांसद हैं.
हाजीपुर सीट को लेकर चिराग का दावा:हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान ने दावा किया था कि इस सीट पर उनका दावा है. भले हि वो (पशुपति पारस) इस सीट से वर्तमान में सांसद हैं, लेकिन मेरे अपने कारण, मेरे सेंटिमेंट इस सीट से जुड़े हैं. उन्होंने कहा था कि मेरे पिता (रामविलास पासवान) का यह ड्रीम प्रोजोक्ट था. उनके कामों को आगे ले जाना, उसे पूरा करना अब उनकी जिम्मेदारी है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला गठबंधन में तय होगा.
क्या बोले पशुपति पारस?:जवाब में पशुपति पारस ने कहा था कि मैं हाजीपुर के लोगों की सेवा करता रहूंगा और हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ूंगा. इसलिए उन्हें (चिराग पासवान) वहां जाना चाहिए जहां उनके पिता (रामविलास पासवान) उन्हें ले गए थे और वहीं उन्हें लोगों की सेवा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव का साल है, बहुत से लोग आएंगे और जाएंगे. पशुपति पारस ने चिराग को याद दिलाया कि, पहले वो (चिराग पासवान) ये भी सोचें कि उन्होंने एनडीए गठबंधन के साथ कैसा व्यवहार किया था.
पारंपरिक सीट है हाजीपुर: बता दें कि कि पशुपति पारस ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में हाजीपुर सीट से किस्मत आजमाएंगे. अक्टूबर 2020 में रामविलास पासवान के निधन के बाद से इस सीट को लेकर चाचा और भतीजा के बीच जंग छिड़ी हुई है. लोजपा के दो टुकड़े हो गए. वहीं चिराग इस सीट पर अपनी प्रबल दावेदारी बता रहे हैं. कयास है कि चिराग अपनी मां रीना पासवान को यहां से चुनाव लड़ा सकते हैं. रामविलास पासवान की इस सीट पर अच्छी पकड़ थी. यहां की जनता ने उन पर भरोसा जताया था. 1977 में कांग्रेस प्रत्याशी को यहां से हार का मुंह देखना पड़ा था.