भोपाल :मध्य प्रदेश के भोपाल में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण में नामांकित एक स्वयंसेवक की कथित मौत के बाद कंपनी ने शनिवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मृत्यु टीके के कारण नहीं हुई थी. कंपनी ने कहा कि स्वयंसेवक की मौत संदिग्ध जहर लेने के कारण कार्डियो रेस्पीरेट्री फैलियर (cardio respiratory failure ) से हुई.
भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत का संभावित कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होना है. इसके अलावा मौत की वजह जहर भी बताया जा रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कंपनी ने कहा, 'खुराक लेने के नौ दिन बाद स्वयंसेवक का निधन हुआ है और प्रारंभिक समीक्षा से पता चलता है कि उसकी मौत वैक्सीन के डोज से संबंधित नहीं है.'
कंपनी ने कहा कि हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि स्वयंसेवक ने टीका या प्लेसेबो (ऐसी चिकित्सा,जिसका कोई वैज्ञानिक आधार न हो) लिया है.
बता दें कि भोपाल के एक निजी अस्पताल में आयोजित कोवैक्सिन के नैदानिक परीक्षण में भाग लेने के 10 दिन बाद 21 दिसबंर को 42 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई.