हैदराबाद :देशभर में पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत में मौत के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे मामलों में कई बार पुलिस तो कई बार जेल प्रशासन सवालों के घेरे में होता है. लेकिन सवाल है कि पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत में साल दर साल कितनी मौतें होती हैं. मौजूदा बजट सत्र के दौरान लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बीते चार सालों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इन आंकड़ों की मानें तो न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है.
न्यायिक हिरासत में मौत के आंकड़े
- साल 2017-18 में न्यायिक हिरासत में मौते के सबसे ज्यादा 390 मामले यूपी से सामने आए. पश्चिम बंगाल से 138, पंजाब से 127, महाराष्ट्र से 125, बिहार से 109 मामले सामने आए.
- साल 2018-19 में यूपी 452 मामलों के साथ पहले स्थान पर रहा, जबकि दूसरे नंबर पर 149 मामलों के साथ महाराष्ट्र रहा. 2018-19 में मध्य प्रदेश से 143 मामले न्यायिक हिरासत में मौत के आए, जबकि चौथे नंबर पर पंजाब (117) और पांचवें नंबर पर पश्चिम बंगाल (115) रहे.
- साल 2019-20 में भी यूपी 400 मामलों के साथ पहले नंबर पर रहा, वहीं इस साल 143 मामलों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे, 115 मामलों के साथ पश्चिम बंगाल तीसरे नंबर पर रहा. इसी साल न्यायिक हिरासत में मौत के 105 मामले बिहार और 93 मामले पंजाब से सामने आए.
- मौजूदा वर्ष 2020-21 में 28 फरवरी 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि इस साल भी न्यायिक हिरासत में मौत के मामलों में यूपी (395) पहले, पश्चिम बंगाल (158) दूसरे, मध्य प्रदेश (144) तीसरे, बिहार (139) चौथे और महाराष्ट्र (117) पांचवें नंबर पर रहे.